Home बिहार के अखबारों में बिहार में घर बैठे मानसिक रोगियों का मुफ्त होगा इलाज, 24 घंटे उपलब्ध होंगे टेलीकॉलर

बिहार में घर बैठे मानसिक रोगियों का मुफ्त होगा इलाज, 24 घंटे उपलब्ध होंगे टेलीकॉलर

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बिहार में घर बैठे मानसिक रोगियों का मुफ्त होगा इलाज, 24 घंटे उपलब्ध होंगे टेलीकॉलर

कोरोना के बाद लोगों में मानसिक तनाव व इससे जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. न सिर्फ किशोर लड़के, बल्कि युवा वर्ग भी डिप्रेशन में आकर गलत कदम उठा ले रहे हैं. इसके अलावा नशे के बढ़ते चलन और इसके अत्यधिक इस्तेमाल से भी युवा मनोरोगी होते जा रहे हैं. नशे की पूर्ति के लिए, या नहीं मिलने पर वो अक्सर गलत कदम उठा लेते हैं. बिहार में हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं जो काफी चिंताजनक है.

इस स्थिति से उबारने के लिए सरकार ने घर बैठे मानसिक रोगियों के लिए सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. यह सेवा चौबीसों घंटे और सातों दिन की तर्ज पर मरीजों को दी जाएगी. आने वाले दिनों में इसके अच्छे परिणाम आने की संभावना है.

तीन शिफ्ट में काम करेंगे 20 काउंसलर

बिहार के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला कोइलवर (बिमहास) में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सोमवार को टेली मानस कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इसके शुरू होने से अब घर बैठे मानसिक रोगियों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सकेगी. मरीज घर से ही अस्पताल में कॉल कर अपनी मानसिक परेशानी से चिकित्सक को अवगत करा सकेंगे. जिसके बाद उन्हें उचित सुझाव के साथ चिकित्सा व दवा की सुविधा मिल सकेगी.

मानसिक आरोग्यशाला के निदेशक जयेश रंजन ने बताया कि टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से पूरे देश को जोड़ने की योजना है. इसके लिए 20 काउंसलर लगाए गए हैं, जो तीन शिफ्ट में काम करेंगे. काउंसलर मरीजों के फोन पर बातचीत करने के लिए 24 घंटे उपलब्ध होंगे और उन्हें उचित सलाह देंगे.

क्या है नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम

नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम यानी राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी के लिए गुणवत्ता, मानकीकृत और मुफ्त 24×7 की तर्ज पर मानसिक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने की योजना है. इसके अलावा इस प्रोग्राम का उद्देश्य देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में एक बड़े अंतर को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है.

राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है. जबकि आईआईटी बेंगलुरु इस कार्यक्रम के लिए टेक्निकल सपोर्ट दे रहा है.

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