जीविका की योजनाओं को और मजबूती देने के लिए ग्राम पंचायतों का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए जीविका के विलेज पावर्टी रिडक्शन प्लान (वीपीडीपी) का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के माध्यम से किया जाएगा। पायलट परियोजना के तहत प्रथम चरण में राज्य के तीन जिलों की 50 पंचायतों का चयन किया गया है। पटना, नालंदा और मुजफ्फरपुर की 50 पंचायतों के मुखिया अगले माह पांच दिनों के केरल दौरे पर जाएंगे। वहां वे सशक्त पंचायती राजव्यवस्था का गुर सीखेंगे। उनके साथ इन पंचायतों की संकुल स्तरीय जीविका दीदियां भी जाएंगी। दिसंबर में अलग-अलग बैच में टीम का भ्रमण होगा। समन्वय के लिए केरल की कुटुम्श्री से अनुबंध किया गया है। कुटुम्श्री का केरल में जीविका की तरह सामुदायिक नेटवर्क है।
एक दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा
जीविका के सीईओ एवं राज्य मिशन निदेशक राहुल कुमार ने इस संबंध में तीनों जिले के जिलाधिकारी को पत्र जारी किया है। इसमें लिखा है कि जीविका की सामुदायिक संस्थाओं एवं ग्राम पंचायतों को केरल की सशक्त पंचायती राजव्यवस्था से सीखना जरूरी होगा। केरल परिभ्रमण से पूर्व इन सब को एक दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
योजनाओं को मिलेगी मजबूती
जीविका की डीपीएम अनीशा के अनुसार, जीविका दीदियां सोशल कैपिटल तैयार करती हैं। उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत होती है। ऐसे में पंचायतों की विकास योजनाएं जीविका की जरूरत को देखते हुए तैयार होंगी तो जमीनी स्तर से इसे मजबूती मिलेगी। इससे ग्राम पंचायतों की योजना सभी लोगों तक जीविका के माध्यम से भी पहुंच सकेगी। केरल में इसपर बेहतर कार्य हुआ है। इसे देखते हुए ही सरकार ने यह निर्णय लिया है। पहले चरण की सफलता के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी इसे लागू किए जाने की बात चल रही है।
इन सामुदायिक संस्थाओं की अध्यक्ष का होगा परिभ्रमण
नालंदा : राजगीर प्रखंड की छह एवं सिलाव की नौ पंचायत।
मुजफ्फरपुर : मड़वन की 10 एवं मुशहरी 11 पंचायत।
पटना : धनरूआ एवं मसौढ़ी की सात-सात पंचायत।