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बिहार में वीआइपी आवास के लिए मारामारी, हर घर की है अलग कहानी

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बिहार में वीआइपी आवास के लिए मारामारी, हर घर की है अलग कहानी

बिहार में वीआइपी सरकारी आवासों के लिए मारामारी चल रही है। हर घर की अलग-अलग कहानी है। मामला कुछ लखनवी अंदाज में है-पहले आप, पहले आप। मतलब कि पहले आप घर खाली कीजिए। मुश्किल यह है कि कोई कोई आगे नहीं बढ़ रहा है। नतीजा, आवास न मिलने को लेकर खबरें तो बन रही हैं, मगर किसी का शुभ गृह प्रवेश नहीं हो रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष को विजय सिन्हा का इंतजार

विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी फंसे हुए हैं। उन्हें आवास नहीं मिल रहा है। विधायक की हैसियत से मिले साउथ बेली रोड स्थित छोटे आवास से ही काम चला रहे हैं। चौधरी बड़े आवास के लिए किसी से कुछ कह नहीं पा रहे हैं। उधर, छोटे आवास पर लगने वाली मुलाकातियों की भीड़ से उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है।असल में चौधरी के आवास की कहानी यह है कि विधानसभा अध्यक्ष के लिए कर्णांकित मकान में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा रह रहे हैं। वैसे, सिन्हा दो देशरत्न मार्ग स्थित मकान का उपयोग आवास के बदले कार्यालय के लिए करते हैं।

तेजस्वी के घर खाली करने का नेता प्रतिपक्ष कर वेट

अब उनकी मुश्किल समझिए। उन्हें पोलो रोड का एक नम्बर आवास मिला है। ये विपक्ष के नेता के लिए कर्णांकित है। इसमें उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रह रहे हैं। तेजस्वी को देशरत्न मार्ग के पांच नम्बर वाले आवास में जाना है। इसमें अभी पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद रह रहे हैं। प्रसाद को स्ट्रैंड रोड में आवास मिला है। तारकिशोर की मजबूरी समझिए। कह रहे हैं कि उनके लिए आवंटित आवास रहने लायक नहीं है।कुछ ऐसा ही पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी भी कह रही हैं। रेणु देवी आवास खाली नहीं कर रही हैं तो पर्यावरण एवं वन मंत्री तेजप्रताप यादव परेशान हैं। उन्हें रेणु देवी वाले आवास में ही जाना है।

सभापति भी पुराने घर में 

विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी पुराने आवास में ही रह रहे हैं। सभापति के लिए कर्णांकित तीन देशरत्न मार्ग आवास में पूर्व कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह रह रहे हैं। हालांकि इन दोनों के बीच आवास के लिए विवाद नहीं हो रही है। इस महीने के अंत तक अवधेश नारायण सिंह आवास खाली कर देंगे।

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