Home बिहार के अखबारों में No-Bag Day: क्या है बिहार एजुकेशन सिस्टम का ‘नो बैग डे’ अजेंडा?

No-Bag Day: क्या है बिहार एजुकेशन सिस्टम का ‘नो बैग डे’ अजेंडा?

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No-Bag Day: क्या है बिहार एजुकेशन सिस्टम का ‘नो बैग डे’ अजेंडा?

‘नो-बैग डे’ के तहत सप्ताह में एक दिन बस्ता लेकर नहीं जाना होगा. शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए ये पहल की गई है. शिक्षा व्यवस्था प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर सरकारें कदम उठाते रहती हैं. हाल में ही बिहार सरकार ने ‘नो-बैग डे’ विद्यालयों में लागू करने का प्लान बनाया है. इसके तहत सरकारी स्कूल शिक्षा को बच्चों से जोड़ने का प्रयत्न किया जा रहा है. नो-बैग डे की मदद से सप्ताह में एक दिन बस्ता का बोझ कम करने की कोशिश की जा रही है. इस पहल की मदद से खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा. इस दिन छात्र को बस लंच बॉक्स ले जाना होगा. इस पहल को छठ महापर्व के बाद राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा. इसे लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. आइए जानते हैं कि नो-बैग डे का क्या फायदा होने वाला है.

 

स्कूलों में नो-बैग डे पहल का फायदा क्या है?

1. नो-बैग डे की मदद से छात्र सप्ताह में कम-से-कम एक दिन कम स्ट्रेस महसूस करता है.

2. नो-बैग डे की मदद से छात्र रिलैक्स फील करते हैं एवं फ्री होकर खेलकूद की गतिविधियों में लिप्त होते हैं.

3. नो-बैग डे की मदद से छात्र और शिक्षक के बीच के रिश्ते में सुधार आ सकते हैं एवं वो दोनों बेहतर रिश्ते बना सकते हैं. शिक्षक और छात्र के बीच रिश्ते अच्छे हो तो कम्युनिकेशन आसान हो जाता है.

4. अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियां छात्र को मानसिक रूप से मजबूत करने में मदद करती है.

5. नो-बैग डे के दिन छात्र खेलकूद के अलावा पेंटिंग, क्वीज कंपटीशन जैसे में भाग ले सकते हैं. प्रयोगशाला में नए-नए प्रोजेक्ट कर सकते हैं. इन चीजों की मदद से छात्रों ने जो कक्षा में सीखा है वो वास्तव में अपने जीवन में कर सकते हैं.

6. नो-बैग डे न सिर्फ बस्ते का बोझ हल्का करता है. ब्लकि, इस स्पेशल दिन छात्र नए टेक्निक मदद से नई चीजों को सिखता है. जो उसके मस्तिष्क में ज्यादा दिनों के लिए रह सकता है.

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