बिहार में बुजुर्ग (Elderly People) बीते सालों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। ऐसा तब, जब पुलिस उनसे होने वाले अपराधों के अनुसंधान को लेकर लापरवाही बरत रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार साल के मुकाबले इस साल बुजुर्गों पर होने वाले अपराध कम हुए हैं। हालांकि, पुलिस की लापरवाही से ऐसे अपराध के लंबित मामलों में बढ़ोतरी भी हुई है।
बिहार में बुजुर्गों के खिलाफ सबसे कम अपराध
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार बिहार में साल 2018 के बाद बीते चार वर्षों के दौरान 60 साल या अधिक के बुजुर्गों के खिलाफ सबसे कम अपराध (हत्या, दुष्कर्म एवं चोरी) हुए हैं। साल 2020 में ऐसे 322 आपराधिक मामले सामने आए थे, जो 2021 में 53.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 150 रह गए। साल 2019 में आंकड़ा 251 तो 2018 में 424 था। हत्या के मामलों में 51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। 2021 में ऐसी 25 हत्याएं हुईं थीं। जबकि, 2020 में 52 बुजुर्गों की हत्या कर दी गई थी।
बीते साल गैर इरादतन हत्या के केवल दो मामले सामने आए। अपहरण का भी केवल एक मामला दर्ज किया गया। 2021 में बुजुर्गों के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी की पांच घटनाएं पुलिस थानों में दर्ज की गईं। आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 24 बुजुर्गों को गंभीर चोट लगी थी। जबकि, साल 2020 में यह आंकड़ा 50 था।
हत्या में तमिलनाडु तो दुष्कर्म में एमपी नंबर वन
एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में बुजुर्ग देश में सर्वाधिक सुरक्षित हैं। 2021 में मध्य प्रदेश में बुजुर्गों के खिलाफ कुल 5273 अपराध दर्ज किए गए। अर्थात् हर दिन 14 बुजुर्ग अपराध के शिकार हुए। हत्या की बात करें तो तमिलनाडु नंबर एक तो महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है। मध्य प्रदेश की स्थान तीसरा है। अजीब बात है, लेकिन बीते साल देश में 60 साल से अधिक उम्र की 78 महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुए। इनमें सर्वाधिक 15 घटनाएं मध्य प्रदेश में हुईं। इसके बाद केरल (11), महाराष्ट्र (09) और तमिलनाडु में (08) का स्थान रहा। बुजुर्गों से लूट के मामले में 382 घटनाओं के साथ महाराष्ट्र नंबर वन रहा तो तमिलनाडु (170) दूसरे नंबर पर था। तीसरे व चौथे स्थान पर क्रमश: कर्नाटक (87) व मध्य प्रदेश (39) रहे।
बिहार में घटे अपराध, पर बढ़ गए लंबित मामले
बहरहाल, बिहार पुलिस राज्य में बुजुर्गों की सुरक्षा का दावा कर रहा है, लेकिन एक आंकड़ा उसे सचेत करने वाला भी है। जहां तक बुजुर्गों के खिलाफ लंबित मामलों की बात है, इनमें इजाफा हुआ है। 2020 के कुल लंबित 13राज्य में 0 मामले साल 2021 में बढ़कर 189 हो गए। जांच के तहत मामलों की कुल संख्या 339 हो गई, जिनमें केवल 146 का ही निष्पादन हो सका। पुलिस ने बजुर्गों के खिलाफ अपराध के लिए कुल 139 लोगों को गिरफ्तार किया।