बिहार सरकार की सबसे प्रतिष्ठित सेवा के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 68वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की संभावित तिथि की घोषणा कर दी गयी है। यह परीक्षा 12 फरवरी, 2023 को प्रस्तावित है। ऐसे में विशेष रणनीति के तहत इस परीक्षा की तैयारी करने की आवश्यकता है।
बीपीएससी में सामान्यतः तीन चरण (प्रारंभिक, मुख्य व साक्षात्कार) होते हैं। अंतिम रूप से चयन मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में मिले अंकों के आधार पर होता है। चूंकि अभी प्रारंभिक परीक्षा होने वाली है, इसलिए अभी इस पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। प्रारंभिक परीक्षा सिर्फ स्क्रीनिंग यानी छंटनी परीक्षा है, जो अभ्यर्थियों की भीड़ को कम करती है। इसे उत्तीर्ण करने के बाद ही एक निश्चित संख्या में अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलता है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए जरूरी कदम: बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में दो घंटे में 150 प्रश्नों ( वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय) को हल करना होता है। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है। इसमें गलत उत्तर के लिए कोई अतिरिक्त अंक नहीं काटे जाते हैं। लेकिन इस बार से संभवतः नकारात्मक अंकों का भी प्रविधान हो सकता है। इसलिए समय को ध्यान में रखते हुए (120 मिनट में 150 प्रश्न) एक अच्छी रणनीति बनानी होगी। तभी आप समय से प्रश्न भी हल कर पाएंगे। इसके लिए सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम का अध्ययन करें तथा विगत 10 वर्षों में प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का सूक्ष्म अवलोकन करें।
कैसे बनाये रणनीति: यदि बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को देखें तो विगत चार-पांच वर्षों में पूछे गए प्रश्नों के आधार पर यह निष्कर्ष मिलता है कि चार विषयों-सामान्य विज्ञान, बिहार सामान्य अध्ययन, समसामयिकी तथा आधुनिक भारत का इतिहास से मिलाकर लगभग 90 -100 प्रश्न पूछा जाता है। इसलिए अभ्यर्थियों को शुरुआत से हीं इन्हीं चारों विषयों पर फोकस करना होगा।
इन बिंदुओं पर दें विशेष ध्यान
-परीक्षा के अंतिम 20 दिनों में कुछ नया नहीं पढ़ें।
-समसामयिकी के लिए राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र (जैसे दैनिक जागरण का राष्ट्रीय संस्करण) और प्रतियोगी परीक्षाओं पर आधारित विश्वसनीय पत्रिकाएं ही पढ़ें।
-इस बचे हुए समय में अंतिम बारह महीने के समसामयिकी पर विशेष ध्यान दें।
-ओलिंपिक, आइपीएल, टी-20 विश्वकप पर विशेष फोकस रखें। इसके साथ-साथ ही जनगणना (भारत और बिहार), वन रिपोर्ट 2021 ( भारत और बिहार )पर भी विशेष ध्यान दें।
-अपने नोट्स और एनसीईआरटी जैसी विश्वसनीय पुस्तकों का ही अध्ययन करें।
-सामान्य विज्ञान में वायरस, मात्राएं, आविष्कार, आविष्कारक, रोग, विटामिन, प्रकाश, ध्वनि आदि महत्वपूर्ण पर विशेष जोर देने की जरूरत है।
-प्राचीन इतिहास में सबसे प्रमुख योगदान बिहार का ही है, इसलिए इस पर भी विशेष ध्यान दें।
-मध्यकालीन इतिहास के तहत प्रमुख पुस्तक, स्थापत्य, विदेशी यात्री तथा वंशों और राजाओं के क्रम पर विशेष फोकस करें।
-आधुनिक भारत चूंकि सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है, इसलिए इसे पूरी गंभीरता के साथ सभी टापिक्स को पढ़ें।
-भूगोल के लिए भारत के भूगोल के साथ-साथ विश्व भूगोल पर भी ध्यान देना होगा, क्योंकि पांच -छह प्रश्न यहां से आते हैं।
-अर्थशास्त्र के लिए आर्थिक समीक्षा, बजट, बैंकिंग, गरीबी, पंचवर्षीय योजना आदि को जरूर पढ़ कर जाएं।
-संविधान के तहत राष्ट्रपति, राज्यपाल, संवैधानिक संस्थाएं, न्यायालय, अनुछेद और संवैधानिक संशोधन आदि महत्वपूर्ण हैं।
-यदि संभव हो तो अपने ऐच्छिक विषय पर भी प्रतिदिन कुछ काम करते रहें ताकि प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा के लिए ज्यादा भार न पड़े।
ये गलती बिल्कुल न करें।
-प्रतिदिन 150 प्रश्नों को हल करने का अभ्यास न करें। इससे आपका तीन घंटे नुकसान होगा। सप्ताह में सिर्फ दो बार 150 प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें, ताकि अपनी कमियों को सुधार सकें।
-सामाजिक गतिविधियों (पर्व व शादी आदि) में शामिल होने से बचें।
-अलग-अलग प्रकार की पुस्तकें और नोट्स पढ़ने से बचें।
-पढ़ाई के दौरान लंबे गैप से बचें। पढ़ाई में निरंतरता बनाएं रखें।
-कई बार देखा गया है कि परीक्षार्थी उन्हीं विषयों पर ज्यादा फोकस करते हैं, जो उनका मजबूत पक्ष होता है। यही गलती कई छात्र करते हैं और प्रारंभिक परीक्षा में पिछड़ जाते हैं। अतः अपने कमजोर पक्ष पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करें।