गुरूवार, मार्च 28, 2024
होमबिहार के अखबारों मेंबिहार-झारखंड के मजदूरों को मोहरा बनाकर देशभर में ठगी

बिहार-झारखंड के मजदूरों को मोहरा बनाकर देशभर में ठगी

ग्वालियर पुलिस ने टावर लगवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले जिन दो ठगों को दबोचा है, वह बिहार और झारखंड के मजदूरों को मोहरा बनाकर देशभर में ठगी करते थे। मजदूरों को लोन दिलाने का झांसा देकर उनके आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज लेते, उन्हीं के नाम से सिम जारी करवाते थे और फिर उन्हीं के नाम पर बैंक खाते खुलवाते थे। इसके एवज में 5 से 10 हजार रुपए दे देते थे, बैंक का डेबिट कार्ड, पासबुक सबकुछ अपने पास रख लेते थे। यह चालाकी ठग इसलिए करते थे, ताकि पुलिस उलझ जाए। क्योंकि जिस सिम का उपयोग लोगों को फोन करने के लिए करते थे और जिन बैंक खातों में रुपए मंगवाते थे, वह मजदूरों के नाम पर होता था। अगर पुलिस पड़ताल करेगी तो इन तक पहुंचेगी। इसके लिए बाकायदा एजेंट लगा रखे थे।

यह खुलासा पूछताछ के दौरान आरोपितों ने किया है। आरोपितों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर आठ दिन की रिमांड पर लिया है। पुलिस इन्हें लेकर दोबारा बिहार जा रही है, जिससे इनके बैंक खातों से पूरी जानकारी सामने आ सके। क्योंकि पुलिस को अभी ठगी गई रकम बरामद नहीं हो सकी है। पुलिस इनकी संपत्ति की जानकारी भी बिहार पुलिस की मदद से निकलवाएगी। उधर इनका मास्टरमाइंड अभी तक नहीं पकड़ा जा सका है, उसकी भी तलाश के लिए एक टीम पहले से बिहार में मौजूद है।

ऐसे फंसाते थे मजदूरों को, एजेंट करते थे काम:

– ठग सोनू जायसवाल निवासी पूर्वी चंपारण बिहार और मोनू राजपूत निवासी पटना ने पूछताछ में बताया कि उनके साथ कई ऐसे एजेंट हैं, जो गांव-गांव घूमकर मजदूरों को लोन दिलाने का झांसा देकर उनसे दस्तावेज लेते हैं। उन्हें साथ ले जाते हैं, उनसे उन्हीं के दस्तावेज पर सिम दिलवाते हैं, फिर खाते खुलवाते हैं। इसके एवज में 5 से 10 हजार रुपए यह कहकर देते हैं कि उनके लोन के रुपए आ गए। फिर इनका उपयोग ठगी में करते हैं।

– लोगों को टावर लगवाने का झांसा देने के लिए इन्हीं नंबरों का उपयोग करते हैं, जिन खातों में रुपए डलवाते हैं, वह भी मजदूरों के नाम ही होते हैं।

– एजेंट को इसके एवज में 10 हजार रुपए प्रति सिम और 25 हजार रुपए प्रति बैंक खाते के हिसाब से देते हैं। जैसे ही खाते में रकम आती है तो आउटर के एटीएम बूथ पर जाकर रुपए निकाल लेते हैं। इसके लिए भी बेरोजगार युवाओं का सहारा लेते हैं। ट्रांजेक्शन के एवज में उन्हें कमीशन देते हैं।

– इन ठगों ने मप्र, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, उप्र, महाराष्ट्र तक के लोगों को ठगने की बात स्वीकार की है।

ठगी की रकम से जमीन खरीदी: पुलिस की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि इन ठगों ने कुछ जमीन भी खरीदी है। यह जमीन भी ठगी की रकम से खरीदी गई है। अभी आरोपितों से और पूछताछ होना बाकी है।

Source link

सम्बंधित लेख →

लोकप्रिय

hi_INहिन्दी