Home बिहार के अखबारों में Mushroom Farming: जला दिया गया फार्म, फिर भी नहीं मानी हार, मशरूम की खेती कर बिहार की इस महिला ने किया कमाल

Mushroom Farming: जला दिया गया फार्म, फिर भी नहीं मानी हार, मशरूम की खेती कर बिहार की इस महिला ने किया कमाल

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Mushroom Farming: जला दिया गया फार्म, फिर भी नहीं मानी हार, मशरूम की खेती कर बिहार की इस महिला ने किया कमाल

देश में किसानों के बीच मशरूम की खेती को लेकर लोकप्रियता बढ़ी है. किसान मशरूम की खेती कर कम वक्त में बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. हम आपको एक ऐसी ही महिला किसान की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने न सिर्फ मशरूम की खेती कर दोगुना मुनाफा कमाकर कमाल कर दिया, बल्कि अपने इलाके में 20 हजार से अधिक लोगों को मशरूम की खेती की ट्रेंनिग भी दी.

बिहार के दरभंगा जिले के बलभद्रपुर गांव की रहने वाली पुष्पा झा एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपने इलाके में मशरूम की खेती को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है. पुष्पा झा ने सितंबर 2010 में मशरूम की खेती करनी शुरू की.

पुष्पा झा ने मशरूम की खेती अपने पति रमेश की वजह से शुरू की. पुष्पा झा ने बताया कि आज से दस साल पहले उनके इलाके में लोगों को मशरूम की खेती के बारे में ज्यादा पता नहीं था. उनके पति को किसी ने इसके बारे में बताया. इसके बाद उन्होंने समस्तीपुर के पूसा विश्वविद्यालय से मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेने का फैसला किया. पुष्पा झा ने बताया कि जब वो विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग के लिए पहुंचीं तब सारी सीट्स भर चुकी थीं. लेकिन उसके बाद उनके पति ने अधिकारियों से अनुरोध किया। बाद में अधिकारी मान गए और उन दोनों ने एक साथ छह दिनों की ट्रेनिंग पूरी की.

ट्रेनिंग पूरी होने के बाद घर वापस आते वक्त वो कुछ मशरूम खरीद कर लेकर आईं. खाने के बाद उन्हें मशरूम का स्वाद बेहद पसंद आया. इसके बाद उन्होंने मशरूम की खेती करने का फैसला लिया.

खेती के दौरान आईं समस्याएं
पुष्पा झा ने जब मशरूम की खेती शुरू की तो उन्होंने काफी परेशानियां भी आईं. उन परेशानियों में से एक थी जब पुष्पा झा के फार्म को कुछ लोगों ने जला दया. पुष्पा झा ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि उनका फार्म क्यों जलाया गया. लेकिन 2011 में रात के वक्त उनके फार्म को कुछ लोगों ने जला दिया.

पुष्पा झा ने 50,000 की लागत के साथ मशरूम की खेती शुरू की थी. जब उनके फार्म में आग लगाई गई उस वक्त वह मशरूम बीज की ट्रेनिंग करने के लिए फिर से पूसा विश्वविद्यालय गई हुईं थीं. उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान उनके फार्म को आग लगाई गई. इसके बाद जब वो ट्रेनिंग से वापस आईं तो उन्होंने फिर से फार्म तैयार किया.

पुष्पा झा ने बताया कि सालभर मशरूम की खेती की जाती है. मुनाफे की बात करते हुए पुष्पा झा ने बताया कि लागत से दो गुना मुनाफा वो हर साल कमाती हैं. उन्होंने बताया कि इस वक्त वह साल में 3 से 4 लाख रुपये का मुनाफा कमाती हैं.

कई महिलाओं को दे चुकीं हैं ट्रेनिंग
पुष्पा झा ने 2015 में गांव की अन्य महिलाओं को मशरूम की खेती करने की ट्रेनिंग देना शुरू किया. महिलाओं को फ्री ट्रेनिंग देने के साथ-साथ पुष्पा झा महिलाओं को मशरूम के बीज भी फ्री में देती हैं. पुष्पा झा मशरूम की खेती (Mushroom Farming) से संबंधित 10 दिनों की ट्रेनिंग देती हैं.

पुष्पा झा ने बताया कि इस वक्त उन्हें मशरूम की खेती करने में कोई समस्या नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि वो 12 साल से मशरूम की खेती कर रही हैं. अब उन्हें अपने अनुभव के चलते को समस्या नहीं झेलनी पड़ती. उन्होंने कहा कि जिस वक्त उन्होंने मशरूम की खेती शुरू की थी उस वक्त 50 हजार तक की लागत लगती थी. लेकिन आज यह लागत बढ़ गई है. मुनाफे के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हम मशरूम के पांच बैग लगा रहे हैं तो उसकी लागत डेढ़ सौ रुपये तक होती है और इन पांच बैग में 300 से 400 रुपये का मुनाफा होता है.

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