शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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बिहार को बाढ़ से बचाएगा मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर, 5 दिन पहले ही मिल जाएगा अलर्ट 

बिहार में मानसून के दस्तक देने से पहले सरकार ने बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए कमर कस ली है. बिहार सरकार के द्वारा मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर बनाया गया है जिससे नदियों में बाढ़ आने की संभावना को 5 दिन पहले अलर्ट कराया जा सकेगा. इस मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर से अभी तक 1 से 2 दिन पहले ही अलर्ट कराया जा सकता था लेकिन इस बार मॉनसून आने के पहले सरकार के द्वारा विशेष तैयारी की गई है जिससे 5 दिन पहले नदियों में आने वाले पानी की पूरी जानकारी होगी. इस जानकारी में नदियों में अलग-अलग जगहों पर वाटर लेवल कितना होगा , तटबंध पर कहा कहां दवाब पड़ सकता है इन सभी चीजों की जानकारी मिलेगी .

मैथेमैटिकल मॉडलिंग सेंटर की खासियत 

मैथेमैटिकल मैडलिंग सेंटर अभी तक 72 घंटा पहले बाढ़ पूर्वानुमान करते थे लेकिन इस साल में 5 दिन पहले फोरकास्ट होगा. 5 दिन पहले नदियों में कितना पानी आने वाला है, इसकी जानकारी मिलेगी. मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर को लेकर जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार के द्वारा इसे स्थापित किया गया है. मॉनसून के दौरान नदियों की पूरी जानकारी इससे लोगों को मिल सकेगी. सबसे बड़ी बात है कि बाढ़ को रोका नहीं जा सकता है लेकिन बाढ़ पूर्व यदि जानकारी मिलती है तो जान माल के नुकसान बचाया जा सकता है. बाढ़ से बचाव के लिए बिहार की बड़ी 13 नदियों पर पर फोकस होता है, जिसमें 5 बड़ी नदियों जिनसे बाढ़ का खतरा है उसका फोरकास्ट किया जाता है. गंगा, गंडक, बागमती, कोशी, महानंदा और इन नदियों के सभी सहायक नदी.

25 जगहों पर रियल टाइम वाटर लेबल सिस्टम

बिहार 25 जगहों पर नदियों में रियल टाइम वाटर लेवल सिस्टम लगाया गया है जबकि 52 जगहों पर ऑटोमेटिक रेनफॉल स्टेशन स्थापित किया गया है. विशेष पोर्टल बनाया गया है जिस पर ऑन लाइन 24 घंटे जानकारी मिलती है. बरसात के मौसम में आने वाले 4 महीने बिहार के लिए बेहद चुनौती भरे हैं. बिहार के कई जिलों में मॉनसून के आते ही बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है. कोसी प्रलय के बाद बिहार में बाढ़ राहत के लिए कई प्रयोग किए गए जिसमें सरकार को काफी सफलता भी मिली. इसी क्रम में बिहार सरकार के द्वारा मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर बनाया गया था, जिससे बाढ़ पूर्व जानकारियों को इकट्ठा किया जाता है.

पहले से अधिक हाईटेक

मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर की खासियत यह है कि बरसात के समय में नदियों में आने वाले पानी की जानकारी पहले मिल जाती है लेकिन इस बार मानसून की स्थिति को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने विशेष तैयारी की है और इस मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर को और हाईटेक बनाया गया है जिससे बिहार के नदियों की पूरी जानकारी 5 दिन पहले मिलेगी .

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