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कोचिंग वाले सर करते थे BPSC की सेटिंग: सॉल्वर को एक अभ्यर्थी का मिलता था एक से डेढ़ लाख, बाकी सर हजम करते थे पैसा

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कोचिंग वाले सर करते थे BPSC की सेटिंग: सॉल्वर को एक अभ्यर्थी का मिलता था एक से डेढ़ लाख, बाकी सर हजम करते थे पैसा

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के 67वें एग्जाम के क्वेश्चन पेपर को फुलप्रूफ प्लान के साथ लीक किया गया। ये सारा सेटिंग कोचिंग वालों ने किया है। सेटर्स के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग के तहत सॉल्वर तक पेपर पहुंचाया जो प्रश्न पत्र के उत्तर समय से पहले कैंडिडेट्स तक पहुंचा दे। इसके लिए सॉल्वर को एक अभ्यर्थी से एक से डेढ़ लाख तक मिला।

कोचिंग वालों का प्लान था कि एग्जाम से क्वेश्चन पेपर इनके हाथ में आ जाए। फिर वो निर्धारित समय के अंदर कम से कम 110 से लेकर करीब 130 सवालों का जवाब तैयार कर लें। 1200 से 1500 रुपए प्रति सवाल के तौर पर इसके साथ डील हुई थी।

सॉल्वर अमित कुमार ने खोला राज

दरअसल, यह बात उस वक्त और पुख्ता हो गई, जब सॉल्वर अमित कुमार सिंह ने अपना मुंह खोला। BPSC पेपर लीक कांड में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सॉल्वर अमित कुमार सिंह के रूप में 9वीं गिरफ्तारी की है। 40 साल का यह सॉल्वर मधेपुरा जिला के सुखासन का मूल निवासी है। मगर, पटना में लंगर टोली स्थित कोइरी पंचित बैठका के पास इसने अपना ठिकाना बना रखा था। जांच टीम से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इसे सेटर्स के गैंग ने सवालों का जवाब तैयार करने के लिए हायर किया था।

इसके लिए 1200 से 1500 रुपए प्रति सवाल के तौर पर इसके साथ डील हुई थी। इस राज को गिरफ्तार अमित ने EOU के अधिकारियों के सामने उगला है। पूछताछ में उसने बताया कि सेटर्स गैंग के फरार चल रहे सरगना आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव के साथ उसकी अच्छी दोस्ती है। पिछले 2-3 सालों से ये दोनों एक-दूसरे के काम आ रहे हैं।

राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शुक्रवार को पटना के नाला रोड के अमित कुमार सिंह को बीपीएससी की 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया है। BPSC पेपर लीक कांड में इसे एक अहम गिरफ्तारी माना जा रहा है। BPSC की 67वीं पीटी परीक्षा शुरू होने से पहले ही आरा में प्रश्नपत्र वायरल हो गया था। जांच के दौरान पता चला था कि इसे एक संगठिग गिरोह ने लीक किया। आखिर में बीपीएससी को ये परीक्षा रद्द करनी पड़ी। आर्थिक अपराध इकाई इस मामले की जांच कर रही है, इसी दौरान मास्टरमाइंड का खास मैसेंजर उसके हत्थे चढ़ा है।

मधेपुरा जिले का मूल निवासी अमित कुमार सिंह सॉल्वर गिरोह का सदस्य है। वो लगातार केस के मास्टरमाइंड आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव से फोन पर संपर्क में था। ईओयू के सूत्रों ने बताया कि अमित को पेपर लीक के बारे में पहले से जानकारी थी और उसने आनंद और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अपने पसंदीदा उम्मीदवारों की परीक्षा में मदद करने के लिए किसी गुप्त स्थान पर बैठकर प्रश्नपत्र हल किया। अमित नौकरी के लिए उम्मीदवारों से गिरोह के जरिए इकट्टे किए गए पैसों में से अपना हिस्सा भी लेता था। ये गिरोह विभिन्न कोचिंग संस्थानों से जुड़े परीक्षार्थियों को पेपर लीक के संबंध में संदेश भेजता था और उनके उम्मीदवारों की मदद करता था। यानि एक तरह से वो मास्टरमाइंड आनंद गौरव के सॉल्वर और मैसेंजर दोनों का ही रोल अदा कर रहा था।

पटना के कई कोचिंग संचालकों तक हर मैसेज पहुंचाया जाता था

पूछताछ में सवालों का जवाब देते हुए अमित ने एक और महत्वपूर्ण बात EOU के अधिकारियों को बताया है। इसने यह राज उगला है कि सरकारी नौकरी की तैयारी कराने वाले पटना के कई कोचिंग संचालकों तक हर मैसेज पहुंचाया जाता था। कई कोचिंग संचालक इस शातिराना खेल में सेटर्स गैंग के टच में थे। BPSC पेपर लीक से जुड़ी हर बात की जानकारी इन्हें होती थी। फिर उन बातों को कोचिंग संचालक एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को बताते थे। इसके एवज में स्टूडेंट्स से अवैध रूप से रुपयों की डिमांड की जाती थी। यह खेल काफी समय से चल रहा था।

सूत्र की मानें तो अमित ने कुछ कोचिंग संचालकों के नाम EOU के अधिकारियों को बता भी दिया। इनमें उन कोचिंग संचालकों के नाम भी शामिल हैं, जिनके ऊपर EOU को शुरुआत से ही शक है। हालांकि, जांच जारी रहने का हवाला देकर EOU ने कोचिंग संचालकों की पहचान उजागर करने से अभी मना कर दिया है। पर यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनकी टीम इस मामले में शामिल लोगों को बख्शने वाली नहीं है।

दूसरी तरफ, रिमांड पर लिए गए राजेश और सुधीर कुमार सिंह के साथ EOU के टीम की पूछताछ जारी है। इन्हें 3 दिनों के रिमांड पर लाया गया था। सूत्र का दावा है कि अब तक कि पूछताछ में इन दोनों ने काफी कुछ बताया है। बिल्कुल नई जानकारी दी है। जिसके आधार पर EOU के जांच की गति और तेज होगी। उसके आधार पर कुछ बड़े संदिग्धता के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जाएंगे।

10 लाख में बिका BPSC PT का पेपर!

BPSC PT की परीक्षा में कैंडिडेंट्स से पेपर और आंसर बताने के लिए 8 से 10 लाख रुपए की डील हुई थी। बकायदा इसके लिए ये रकम वसूली गई। हर कैंडिटेड से 10-10 लाख रुपए लिए गए। ये पैसे अलग-अलग खातों में डलवाया गया। EOU (आर्थिक अनुसंधान इकाई) ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ कई बैंक अकाउंट्स को सीज किया गया है।

बीपीएससी पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड फिलहाल फरार
पूरे कांड का मास्टरमाइंड आनंद गौरव उर्फ पिंटू राय उर्फ पिंटू यादव 2018 में इसी तरह के एक केस में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। फिलहाल ईओयू की टीम ने इसकी तलाश में करीब-करीब पूरे बिहार की किलेबंदी कर दी है। आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव का नाम तब सामने आया जब BPSC पेपर लीक केस के एक और आरोपी राजेश कुमार से EOU की टीम ने कड़ी पूछताछ की। राजेश भागलपुर में कृषि विभाग का क्लर्क है जो इस सिंडिकेट में शामिल था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि पेपर लीक कराने वाले शख्स का नाम आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव है। इसके बाद जब आर्थिक अपराध इकाई ने पिंटू की कुंडली खंगाली तो सारे तार जुड़ने शुरू हो गए। पता चला कि पटना के लोहानीपुर में हाईटेक तरीके से पेपर लीक करने के लिए आनंद गौरव ने बकायदा एक कंट्रोल रूम तक सेटअप कर लिया था। यहीं से बैठकर सारे कांड को अंजाम दिया जा रहा था।

आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव मुंगेर में एक किडनैपिंग-मर्डर केस का भी आरोपी है। हालांकि अभी तक ये पता नहीं था कि उस पर किसकी हत्या का आरोप है। ईओयू एसपी के मुताबिक पिंटू का पेपर लीक कनेक्शन का इतिहास भी है, 2015 में इलाहाबाद टीचर भर्ती घोटाले में भी आनंद उर्फ पिंटू का नाम सामने आया था। इसी केस में 2018 में यूपी पुलिस ने इसे गिरफ्तार भी किया था। वहां से छूटने के बाद ये बिहार आ गया और फिर BPSC पेपर लीक कांड को अंजाम दिया। मुंगेर वाले किडनैपिंग-मर्डर केस में भी आनंद गौरव फरार चल रहा है।

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