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जानिए, फर्जी ADM बनने के पीछे की कहानी: BPSC परीक्षा में हुआ था फेल

मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र के शांति विहार मोहल्ले से पकड़े गए फर्जी ADM बनने के पीछे की कहानी काफी रोचक है। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने जो बातें बताई वह काफी चौंकाने वाली है। आकाश ने बताया कि शुरू से ही उसका सपना अफसर बनने का था। जिसकी गाड़ी में लाल बत्ती हो। नेम प्लेट लगा हो। लोग उसे सलाम ठोंके। वह पढ़ने में भी अच्छा था। ग्रेजुएशन उसने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से किया था। इसके बाद वह कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करने लगा। 2021 में उसने BPSC की परीक्षा दी।

उसके घरवालों और परिचितों को उसकी मेहनत देखकर उम्मीद थी कि वह परीक्षा में पास कर अफसर की कुर्सी पर बैठेगा, लेकिन जब रिजल्ट आया तो उसका सपना टूट गया। वह परीक्षा में फेल हो गया था। यह बात उसे काफी चुभी। उसे शर्म भी महसूस हुआ कि अब क्या मुंह दिखाएगा। इसी दौरान एक परिचित ने उससे पूछ लिया कि क्या हुआ? उसने झट से बिना सोचे समझे जवाब दे दिया कि ADM बन गया है। बस फिर क्या था, खुशी का माहौल। मिठाइयां बंटनी शुरू हो गई, लेकिन सच्चाई उसके घरवालों को पता थी। वह पहले कटिहार का ADM बनकर घूमने लगा। फिर वहां से मुजफ्फरपुर पिछले साल जून में आया था।

नम्बर प्लेट और लाल बत्ती खरीदा

सबसे पहले उसने पटना में ही एक दुकान से नम्बर प्लेट बनवाया। फिर लाल बत्ती खरीदा। आई कार्ड बनवाया और बन गया ADM। इसी दौरान फेसबुक पर उसकी मुलाकात प्रभा से हुई। दोनों आपस में चैट करने लगे। उसने खुद का परिचय कटिहार ADM के रूप में दिया। इस बीच वह मुजफ्फरपुर आया। यहां आने के बाद उसकी मुलाकात प्रभा से थाने पर हुई। फिर उसे झांसे में लेकर शादी कर ली। शादी रांची में दोनों के घरवालों की मौजूदगी में हुई थी। इसमें 25 लाख कैश और एक स्विफ्ट डिजायर कार ससुराल की तरफ से उसे भेंट में मिली।

दिल्ली में प्लॉट लेने का झांसा दे ऐंठे 7.50 लाख

प्रभा ने बताया कि शादी के बाद वह उसे लेकर दिल्ली में अपनी बहन और बहनोई के पास गया। वहां जाने के बाद बोला कि दिल्ली में एक जमीन का प्लॉट लेना है। कुछ रुपए कम पड़ रहे हैं। फिर प्रभा के खाता से 7.50 लाख रुपए ले लिए। फिर वहां से पटना लेकर आया। यहां कुछ दिन रखने के बाद अचानक से आकर कहने लगा कि उस पर आय से अधिक संपत्ति का केस हो गया। सेटलमेंट में कुछ पैसे लगेंगे। यह बोल कर फिर 8 लाख रुपए ऐंठ लिए।

रौब जमाकर खरीदवाई कार

पिछले वर्ष अगस्त में पत्नी से कहा कि उसका तबादला मुजफ्फरपुर ADM के पद पर हो गया। उसे साथ लेकर शांति विहार कॉलोनी में आ गया और रहने लगा। फिर कहा कि होंडा सिटी कार खरीदो। जब प्रभा ने मना किया उसके साथ मारपीट की और ADM होने का रौब जमाने लगा। इतना ही नहीं उसे कहा कि तुम्हारा वीडियो वायरल कर देंगे। मजबूरन पीड़िता ने फाइनेंस के जरिए उसे होंडा सिटी कार खरीदकर दी।

सब इंस्पेक्टर ने तो नम्बर तक सेव कर लिया

सदर थाना के सब इंस्पेक्टर जैनेंद्र झा को उसने कई बार कॉल कर परेशान किया था। वे उसे सही का ADM समझने लगे थे। उन्होंने तो उसका नंबर भी कटिहार ADM के नाम से मोबाइल में सेव कर लिया था। लेकिन, जब उसकी सच्चाई सामने आई तो वह अपने आप को काफी ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। उन्हें खुद से शिकायत भी हो रही थी कि आखिर उन्होंने सत्यापन क्यों नहीं किया।

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