बिहार के सीवान जिला अंतर्गत महराजगंज के किसान अफ्रीकी गेंदा फूल की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. साथ ही अन्य किसानों को खेती करने की विधि बताकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. महराजगंज में किसा स्वयं खेती कर आत्मनिर्भर बनने की पहल शुरू कर दी है. जिससे अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे हैं. वहीं जिले के महराजगंज पुरानी बाजार के रहने वाले किसान मोहम्मद सफीक 20 सालों से गेंदा फूल की खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. साथी ही महराजगंज के अन्य 10 किसानों को भी फूल की खेती करने की विधि बता कर खेती कराने की कवायद में लगे हुए. इस बार मो. सफीक 2 बीघे में गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं. जिसमें उन्हें 40 हजार हुए की लागत आयी है. वहीं इससे लगभग एक लाख रुपए कमाएंगे.
अफ्रीकी गेंदा फूल की खेती
महराजगंज के रहने वाले मोहम्मद सफीक बताते हैं कि गेंदा फूल की आकार और रंग के आधार पर इसकी दो मुख्य किस्में हैं. अफ्रीकी गेंदा और फ्रेंच गेंदा, फ्रेंच गेंदा किस्म के पौधे छोटे होते हैं जबकि अफ्रीकी गेंदा का आकर बड़ा होता है. अफ्रीकी गेंदा फूल की बाजार में भी अधिक मांग है. इसी वजह स अफ्रीकी गेंदा फूल की खेती की है. जिसमें लागत कम और उत्पादन ज्यादा होता है. जिससे मुनाफा ज्यादा होता है.
साल में तीन बार फूलों की करते हैं खेती
किसान मोहम्मद सफीक एक साल में मौसम के हिसाब से तीन बार गेंदा फूल की खेती करते हैं.एक बार अफ्रीकी गेंदा फूल खेती करने लगभग 40 हजार रुपए की लागत आती है. वहीं उससे उत्पादन होने पर मुनाफा लगभग एक लाख तक की होती है. साल में तीन बार खेती करने पर कुल एक लाख से लेकर 1.20 लाख लगता है. वहीं उससे आमदनी तीन से साढ़े तीन लाख तक होता है.
कोलकाता से आता है बीज
अफ्रीकी गेंदा फूल की खेती करने के लिए उसके बीज पश्चिम बंगाल के कोलकाता से मोहम्मद सफीक मंगाते हैं. बीज को मिट्टी में डाल कर पौधे के रूप में उसे तैयार करते हैं.पौधा तैयार होने पर उसे तैयार खेतों में लगाकर खाद देकर ससमय उसकी सिंचाई की जाती है. जिसके बाद 3 माह में फुल तैयार हो जाता है. जिसकी कटिंग कर बाजारों में बेच दिया जाता है.
जमीन लीज पर लेकर करते हैं खेती
मोहम्मद सफीक दो बीघा जमीन लीज पर लेकर फूल की खेती कर रहें हैं. उन्हें साल में जमीन मालिक को 10 हजार रुपए देना पड़ता है. उन्होंने न्यूज 18 लोकल से बातचीत में बताया कि उनके पूर्वज भी फूल की खेती के कारोबार से जुड़े हुए थे. उन्हीं से फूल की खेती करना सीखा है. पिछले 20 वर्षो से फूल की खेती करते आ रहे हैं. हालांकि अभी तक उनको सरकार की तरफ से न कोई सब्सिडी मिला है और न ही बैंकों से लोन.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार लोन या सब्सिडी मुहैया कराती तो कम से कम 10 एकड़ भूमि पर फूलों की खेती करेंगे तथा अन्य किसानों को भी इससे प्रेरित करेंगे. उन्होंने बताया कि यह कारोबार घर चलाने के लिए करते हैं. इस कारोबार से अपने घर के 20 लोगों की जीविका चलाते हैं.