सोमवार, दिसम्बर 4, 2023
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कृषि उत्पाद बनेंगे अब बिहार के जिलों की पहचान! रोहताश बनेगा टमाटर की खेती का गढ़

बिहार सरकार ने राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत हरि मिर्च के उत्पादन के लिए अररिया और समस्तीपुर का चयन किया है. इसी तरह भागलपुर, दरभंगा, पटना और सहरसा में आम के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है. ब‍िहार के रोहताश में टमाटर की खेती को बढ़ावा देने की योजना है.

बिहार देश का प्रमुख कृषि उत्पाद राज्य है. मसलन, राज्य की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है. इस बात को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार कृषि विकास के लिए काम कर रही है. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार की एक जिला-एक उत्पाद योजना के तर्ज पर बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना शुरू की है. इस योजना के माध्यय से अब कृषि उत्पाद बिहार के जिलों की पहचान बनेंगे. मसलन, राज्य सरकार बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत एक जिले के एक कृषि उत्पाद के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है. जो किसानों के लिए बेहद ही फायदेमंद साबित हो सकती है.

रोहताश बनेगा टमाटर की खेती का गढ़

बिहार सरकार जिला आधारित कृषि उत्पाद को बढ़ावा देने की योजना बना रही है. जिसके तहत रोहताश राज्य में टमाटर की खेती का गढ़ बनेगा.असल में राज्य के कृषि व बागवानी विभाग ने राेहताश जिले की जलवायु और विशेषताओं को देखते हुए बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत रोहताश का चयन टमाटर उत्पादन के लिए किया.

अररिया और समस्तीपुर में होगा मिर्च का उत्पादन

बिहार सरकार ने राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत हरि मिर्च के उत्पादन के लिए अररिया और समस्तीपुर का चयन किया है. मसलन, यह दोनों जिलों में हरि मिर्च के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. वहीं इसी तरह राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत भागलपुर, दरभंगा, पटना और सहरसा में आम के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है.

यह है योजना का उद्देश्य

बिहार सरकार ने एक विशेष उद्देश्य के साथ राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना को शुरू किया है. असल में बिहार सरकार इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा कर ग्रामीण क्षेत्रों से होने वाले पलायन को रोकने के लिए काम कर रही है. इसके साथ ही योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी बागवानी फसल का उचित दिलाना है. साथ ही बाजार की मांग के अनुरूप पैकेज्ड फूड तैयार कराना भी योजना का उद्देश्य है. उम्मीद की जा रही है कि योजना के क्रियान्वयन होने पर ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे. तो वहीं किसानों की आय में भी बढ़ाेतरी होगी.

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