बुधवार, दिसम्बर 6, 2023
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BPSC सिविल सेवा परीक्षा का प्रारूप

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा बिहार की एक प्रतियोगी परीक्षा है जिसके परिणाम के आधार पर बिहार सरकार राज्य प्रशासन के लिये सिविल सेवाओं के अधिकारी (जैसे SDM / DySP इत्यादि) चुने जाते हैं। BPSC लगभग प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करती है।

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा का प्रारूप इस प्रकार है –

परीक्षाविषय कुल अंक
प्रारंभिक परीक्षा1सामान्य अध्ययन150
मुख्य परीक्षासामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र –I)
सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र –II)
ऐच्छिक विषय
सामान्य हिंदी2
300
300
300
100
साक्षात्कार व्यक्तित्व परीक्षण120

1 प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त किये गये अंकों को मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार के अंकों के साथ नहीं जोड़ा जाता है।

2 सामान्य हिंदी में 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है, किन्तु मेधा निर्धारण में इसकी गणना नहीं की जाती है|

सिविल सेवा परीक्षा में तीन स्तर होते हैं।

  1. प्रारंभिक परीक्षा
  2. मुख्य परीक्षा
  3. साक्षात्कार

उम्मीदवार का अंतिम चयन मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किये गये अंकों के योग के आधार पर होता है।


प्रारंभिक परीक्षा

प्रारंभिक परीक्षा दो घंटों की होगी जिसमें सामान्य अध्ययन का एक पत्र 150 अंकों का होगा| प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों में होंगे| प्रारंभिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन पत्र के प्रश्न वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्प प्रकार के होंगे| उम्मीदवार प्रश्नों का उत्तर देने के लिए केलकुलेटर का प्रयोग नहीं कर सकते हैं|

प्रारंभिक परीक्षा महज जांच परीक्षा होगी जिसके आधार पर मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा| अतः इसमें प्राप्त किए गए अंको का मुख्य परीक्षा से कोई संबंध नहीं होगा| इसमें उत्तीर्णता अनिवार्य होगी और इसके लिए आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम अंक प्राप्त करना होगा| मुख्य परीक्षा के लिए चुने जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या कुल संसूचित रिक्तियों की दस गुनी होगी|

मुख्य परीक्षा

मुख्य परीक्षा में योग्यता के लिए 4 प्रश्नपत्र – सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र –I), सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र –II), ऐच्छिक विषय, सामान्य हिंदी – होंगे। सभी 4 पेपरों में निबंधात्मक प्रकार के प्रश्न होंगे और तीन घंटे आवंटित होगा। परीक्षा के सभी विषयों में कम से कम शब्दों में की गई संगठित सूक्ष्म और सशक्त अभिव्यक्ति को श्रेय मिलेगा| प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों में होंगे (भाषा पत्र के साहित्य को छोड़कर)। मुख्य परीक्षा के प्रत्येक पेपर के विस्तृत पाठ्यक्रम के लिए यहाँ क्लिक करें|

सामान्य हिंदी में 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है, किन्तु मेधा निर्धारण में इसकी गणना नहीं की जाती है|

उम्मीदवार यदि चाहे तो मुख्य परीक्षा में कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकते हैं| परीक्षा में किसी से कैलकुलेटर मांगने या आपस में बदलने की अनुमति नहीं है|

व्यक्तित्व परीक्षण / साक्षात्कार

मुख्य परीक्षा में सफलीभूत उम्मीदवारों का व्यक्तित्व परीक्षण 120 अंकों का होगा। तदुपरांत मुख्य परीक्षा के 900 अंक एवं साक्षात्कार के लिए 120 अंक, कुल 1020 अंकों के आधार पर मेधा सूची तैयार की जाएगी। आयोग सफल उम्मीदवार को उनमें से किसी भी सेवा या पद के लिए अनुशंसित करने का अधिकार रखता है जिसके लिए उम्मीदवार ने इच्छा प्रकट की है तथा जिसके लिए आयोग उसे योग्य समझता है।

उम्मीदवार का साक्षात्कार एक पैनल द्वारा लिया जाता है। मूल रूप से, साक्षात्कार न केवल बौद्धिक गुणों का आकलन है, बल्कि सामाजिक लक्षणों और वर्तमान मामलों में रुचि उम्मीदवार की रूचि का भी प्ररीक्षण भी करता है।

साक्षात्कार पैनल द्वारा जांचे जाने वाले कुछ गुण इस प्रकार हैं: मानसिक सतर्कता, आत्मसात की महत्वपूर्ण शक्तियां, स्पष्ट और तार्किक प्रदर्शन, निर्णय का संतुलन, विविधता और रूचि की गंभीरता, सामाजिक सामंजस्य और नेतृत्व की क्षमता, बौद्धिक और नैतिक अखंडता

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