बुधवार, दिसम्बर 6, 2023
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ब‍ि‍हार में क‍िसानों को खेतों में कम्‍बाईन हार्वेस्‍टर चलाने के ल‍िए पहले ज‍िला प्रशासन से लेनी होगी अनुमत‍ि

ब‍िहार के कृष‍ि न‍िदेशालय की तरफ से बनाए गए इस न‍ियम के तहत क‍िसानों को आवेदन पत्र के साथ एक शपथ पत्र भी देना होगा, ज‍िसमें उन्‍हें फसल अवशेष ना जलाने का वायदा करना होगा.

बिहार कृषि निदेशालय की तरफ से इन दिनों इस नियम को सार्वजनिक किया जा रहा है. कृषि निदेशालय के मुताबिक इस नियम को लागू करने का मकसद फसल अवशेष जलाने की घटना पर नियंत्रण करना है.

बिहार समेत देशभर में रबी की फसलों की कटाई का दौर जारी है. जिसके तहत किसानों की तरफ से खेतों में खड़ी गेहूं से लेकर चना, सरसों की फसलों की कटाई की जा रही है. इस बीच बिहार सरकार  ने रबी की कटाई को लेकर एक नियम की घोषणा की है. बिहार के कृषि विभाग  की तरफ से तैयार इस नियम के तहत राज्य के किसानों को रबी फसलों की कटाई सीजन में खेतों पर कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन चलाने से पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी. बिहार कृषि विभाग की तरफ से इस नियम को इन दिनों जगह- जगह सार्वजनिक किया जा रहा है.

बिहार कृषि निदेशालय की तरफ से राज्य के सभी किसानों व कम्बाईन हार्वेस्टर संचालकों के लिए यह फरमान जारी किया गया है. जिसके तहत रबी फसलों की कटाई सीजन में कम्बाईन हार्वेस्टर से पहले इसके लिए अनुमति ली जाएगी. इसके लिए किसानों व कम्बाईन हार्वेस्टर मालिकों को जिला कृषि पदाधिकारी के पास आवेदन करना होगा. प्राप्त आवेदन के आधार पर जिला कृषि अधिकारी जांच कराएंगे. जांच में रिपोर्ट ठीक आने पर कम्बाईन हार्वेस्टर चलाने की अनुमति दी जाएगी.

फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए उपाय

बिहार कृषि निदेशालय की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए यह कदम उठाया गया है. इसके तहत रबी सीजन की कटाई में कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालन के लिए अनुमति का प्रावधान किया जा रहा है. बिहार कृषि निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार जब किसान कम्बाईन हार्वेस्टर संचालन की अनुमति के लिए जिला कृषि पदाधिकारी के समक्ष आवदेन जमा कराएंगे, तो उस वक्त किसानों को एक शपथ पत्र भी जमा कराना होगा. जिसमें किसानोंं को वायदा करना होगा कि वह रबी फसलों की कटाई के दौरान फसलों के अवशेषाें को नहीं जलाएंगे.

बिहार कृषि निदेशालय के इस नियम के बाद राज्यों के किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हालांकि ऐसे किसान बहुत कम हैं, जिनके पास कम्बाईन हार्वेस्टर हैं, लेकिन यहीं किसान अन्य किसानों के खेतों में कम्बाईन हार्वेस्टर का संचालन करते हैं. भागलपुर के किसान पंकज झा कहते हैं कि अनुमति का नियम समझ से परे हैं. अगर फसल अवशेष जलाने पर रोक लगानी है, तो उसके लिए आवश्यक जागरूकता किसानों के बीच फैलाई जानी चाहिए. ऐसे कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालन के लिए अनुमति लेने वाले नियम से किसानों की सिर्फ परेशानी बढ़ी है.

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