Homeबिहार के अखबारों मेंChhath Puja: महिलाओं को पसंद आती हैं बिहार की ये लहठियां, जानिए कैसे होती हैं तैयार

Chhath Puja: महिलाओं को पसंद आती हैं बिहार की ये लहठियां, जानिए कैसे होती हैं तैयार

महिलाओं के सजने और संवरने के लिए बाजार में एक से बढ़कर एक खूबसूरत गहने और श्रृंगार के समान मौजूद होते हैं, लेकिन इनमें सबसे अलग और खूबसूरत लाख से बनी चूड़ियां महिलाओं की पहली पसंद होती है. जिसे देखते ही महिलाएं खरीद लेना चाहती हैं. खासकर अगर बात करें त्योहारों की, तो लाख से बनी चूड़ियां यानी लहठी, महिलाओं द्वारा विशेष रूप से खरीदी जाती हैं.

पश्चिमी चंपारण में लहठियों के व्यापारी फिरोज बताते हैं कि छठ पर्व के समय इसकी बिक्री विशेष रूप से होती है. बाजार में लाख से बने लहठियों की डिमांड कई गुना बढ़ जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि लाख से बनी चूड़ियां जितनी दिलकश और खूबसूरत होती हैं उतना ही पेचीदा उसे बनाने का तरीका होता है. घंटों तक लाख को आग में पकाकर उसे गोल शेप दिया जाता है. जिसके बाद उसपर चमकीले नग तथा स्टोन लगाकर सजाया जाता है. कई घंटों की मेहनत के बाद खूबसूरत लहठियां बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाती हैं.

ऐसे बनाई जाती है चूड़ियां
बेतिया के दरगाह मुहल्ला निवासी और चूड़ी व्यापारी मो.फिरोज बताते हैं कि लाख की चूड़ियों को बनाने के लिए रॉ मेटेरियल बंगाल से लाया जाता है, जिसके बाद उसे अन्य चीजों के मिश्रण से कठोर बनाया जाता है. कठोर लाख के चपरे को कोयले की आग पर लगभग आधे घंटे तक गर्म किया जाता है. जिससे कठोर लाख बेहद मुलायम हो जाता है. मुलायम होने के बाद उसे एक डंडे में लपेटकर एक विशेष आकृति में पतला किया जाता है तथा उसपर चमकीले और खूबसूरत रंगों की परत चढ़ाई जाती है. इतना करने के बाद उसे पतला कर गोल चूड़ी के आकार में काटा जाता है. फिर उसमें मजबूती के लिए धातू के पतले तार को लगाया जाता है.

लकड़ी के सांचे की मदद से उसे हल्का चौड़ा कर उसे सजाने के लिए रंग बिरंगे नगों तथा पत्थरों को गर्म कर लगाया जाता है. साथ ही ग्राहकों के डिमांड के हिसाब से अलग-अलग तरीके से सजाकर मार्केट में बेचा जाता है. बता दें इसे बनाने में कम से कम 5 से 6 घंटे का समय लग जाता है.

महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है लहठी
बता दें कि लहठियां महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक मना जाता है. इसलिए सुहागिन महिलाओं के श्रृंगार में लहठियां जरूर शामिल होती है. साथ ही यह उनकी त्वचा के लिए भी सुरक्षित होती है. इसके उपयोग से हाथ में स्किन से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं. चर्म रोग के चिकित्सकों का मानना है कि लहठी पहनने से कलाई पर किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होती है. जबकि अन्य धातुओं या वस्तुओं से बनी चूड़ियों के उपयोग से कभी-कभी महिलाओं को त्वचा संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है.

Source link

सम्बंधित लेख →

लोकप्रिय