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बिहार में रबी रथ महाभियान का आगाज, 12 लाख किसानों को मिलेंगे फायदे

देश के ज्यादातर इलाकों में रबी फसलों की बुवाई का काम शुरू हो चुका है. कई राज्यों में रबी फसलों से बेहतर उत्पादन के लिए तरह-तरह के जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने भी रबी रथ महाभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य रबी सीजन 2022 (Rabi Season 2022) में फसलों का बेहतर उत्पादन लेना है.

इसके लिए गांव-गांव में पहुंचकर किसानों को सरकारी योजनाओं, फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) और रबी फसलों से बेहतर उत्पादन के लिए नई तकनीकों के इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी. इसके लिए बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रचार रथों को सभी जिलों की तरफ रवाना कर दिया है. ये प्रचार रथ बिहार के सभी जिलों के गांव में घूम-घूमकर किसानों को जागरूक करेंगे.

क्या है रबी रथ महाभियान
रबी सीजन 2022 में फसलों के बेहतर उत्पादन और कृषि में सफलता के लिए यह रबी रथ महाभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के जरिये प्रचार रथों के माध्यम से किसानों को मौसम आधारित खेती के साथ-साथ रबी सीजन में खेती के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी.

इसी के साथ-साथ फसल अवशेष प्रबंधन का सही तरीका और पराली को जलाने से मिट्टी और पर्यावरण को होने वाले नुकसानों से भी किसानों को अवगत कराया जाएगा. किसानों को मिट्टी और पर्यावरण के अनुरूप जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना भी रबी रथ महाभियान का एक लक्ष्य है. यह रथ गांव में घूम-घूमकर किसानों को मौसम आधारित खेती करने के लिये भी जागरुक करेंगे.

5 दिसंबर तक लगेगी किसान चौपाल 
रबी रथ महाभियान 2022 (Rabi Rath Mahabhiyan) के तहत बिहार के सभी जिलों की पंचायतों में 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक किसान चौपालों का आयोजन किया जाएगा. इन चौपालों में 12.5 लाख से अधिक किसानों के जुड़ने का अनुमान है. इन चौपालों में कृषि विशेषज्ञों और कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषि विभाग से जुड़ी योजनाएं भी किसानों से साझा की जाएंगी.

इतना ही नहीं, किसानों को इस अभियान से जोड़ने के लिए प्रचार रथों पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई है, जिन पर कृषि संबंधी शॉर्ट फिल्म दिखाकर किसानों को पराली न जलाने और पराली से खाद बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. गांव में आयोजित होने वाली चौपालों के बारे में ग्राम पंचायत स्तर से किसानों को जानकारी पहुंचाई जाएगी. इन प्रचार अभियानों के साथ-साथ रोजाना तीन पंचायतों में नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया जाएगा.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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