बिहार के भोजपुर जिले के कोइलवर में राज्य के इकलौते मेंटल हॉस्पिटल के नए भवन में इनडोर व आउटडोर इलाज की सुविधा शुरू हो गई है. नए अस्पताल के भवन में मरीजों को कुर्सी-टेबल पर लंच और डिनर की व्यवस्था की गई है. आधुनिक सुविधाओं से लैस इस अस्पताल में अब रोजाना दूर-दूर से 200 से अधिक मरीज आने लगे हैं. उद्घाटन के बाद विमहास के नए भवन में अस्पताल को शिफ्ट कर दिया गया. इस कारण से इन दिनों विमहास के खूबसूरत बिल्डिंग के केबिन में उपस्थित चिकित्सक आउटडोर में रोगियों की इलाज करते नजर आ रहे हैं.
वहीं, कुछ चिकित्सकों से मरीज काउंसलिंग कराते नजर आए. पुरुष व महिला रोगियों को पुराने भवन से नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया है. ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार के मानसिक रोगियों को झारखंड के रांची में इलाज कराने नहीं जाना पड़ेगा.
मरीजों के लिए तैयार किए गए 272 बेड
अस्पताल के नए भवन के निचले भाग में महिला वार्ड तो ऊपरी मंजिल पर पुरुष रोगियों को शिफ्ट कराया गया है. यहां 6 वार्ड बनाए गए हैं, जिसमें 71 पुरुष मरीज व 31 महिला मरीज भर्ती हैं. मालूम हो कि कोईलवर में बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट विमहास अस्पताल को सितंबर महीने में बिहारवासियों को समर्पित किया गया था, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री ने किया था.
अस्पताल प्रबंधन की माने तो अभी यहां 272 बेड की व्यवस्था पूरी कर ली गई है. पहले महिला व पुरुष मानसिक रोगियों के लिए मात्र 100 बेड ही उपलब्ध थे. पहले झारखंड से अलग होने के बाद बिहार के मरीजों को सरकारी खर्च पर रांची स्थित कांके मेंटल हॉस्पीटल भेजना पड़ता था. अब ऐसा नहीं होगा. जीविका की ओर से मरीज, चिकित्सक और अस्पताल कर्मियों के लिए कैंटीन की सुविधा होगी.
मरीजों के लिए तैनात किए गए 10 डॉक्टर
मानसिक आरोग्यशाला के निदेशक डॉ. जयेश रंजन ने बताया कि मरीजों की इलाज के लिए अभी 10 डॉक्टर तैनात किए गए हैं, जो 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी 300 तक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इन्हें यहां से दवा भी दी जा रही है.