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न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा, 24 साल की भावना बनी टॉपर: बोलीं- मैंने कभी टाइम कैलकुलेट करके पढ़ाई नहीं की

रांची की रहने वाली 24 साल की भावना नंदा ने बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित 31 वीं न्यायिक प्रतियोगिता परीक्षा में टॉप किया है। इस प्रतियोगिता परीक्षा में पास करने वाले परीक्षार्थी जिला कोर्ट में ज्यूडिशियर मजिस्ट्रेट कम सिविल जज बनेंगे।

सवाल-भावना नंदा सबसे पहले आपको बधाई। आप कहां की रहने वाली हैं?

जवाब- मैं रांची की रहने वाली हूं।

सवाल- कहां से आपने पढ़ाई की?

जवाब- मैंने 10वीं किया है सेंट माइकल स्कूल रांची से। इसके बाद 12वीं दिल्ली पब्लिक स्कूल रांची से। बीएएलएलबी 2019 में एनएलयू रांची से कम्पलीट हुआ मेरा। मैंने एलएलएम एनएलयू दिल्ली से 2020 में किया।

सवाल- लॉ में जाने की रुचि कैसे हुई?

जवाब- जब से लॉ ज्वाइन किया तब से देखा कि ज्यूडिशियरी कितना बड़ा रोल अदा करती है। मुझे लगा कि इसका पार्ट बनकर मैं लॉ की फंग्शनिंग को देख सकती हूं और लोगों के लिए कुछ कर सकती हूं ज्यूडिशियरी के जरिए।

सवाल- जब आप मैट्रिक में थी, उस समय आपके मन में आगे क्या पढ़ने का था? क्या आप शुरू से लॉ ही पढ़ना चाहती थीं ?

जवाब- मैं लॉ ही करना चाहती थी। मेरे पापा मुझे हमेशा इसके लिए मोटिवेट करते थे। वे बताते थे कि सुप्रीम कोर्ट के जज कितना बेहतर कर रही हैं तो वह सब मुझे इन्करेज करता था। मैने तय कर लिया था कि 10 के बाद लॉ ही करना है।

सवाल- आपके पापा या मम्मी भी लॉ से जुड़े हैं क्या ?

जवाब- नहीं, मेरे पापा झारखंड सरकार में ऑडिट अफसर हैं। उनका नाम है नवल किशोर नंदा।

सवाल- आपकी मां क्या करती हैं?

जवाब- मेरी मां गवर्नमेंट टीचर हैं सिमलिया रांची में ही।

सवाल- आपको तैयारी में किसने मदद की? आपने कोचिंग भी की क्या?

जवाब- मैंने कोचिंग की है राहुल आईएएस से दिल्ली में।

सवाल- आपको क्या लगता है इसके लिए कोचिंग बहुत जरूरी है?

जवाब- मैंने तो कोचिंग ली। लेकिन बहुत सारे स्टूडेंट्स को इसकी जरूरत नहीं भी पड़ती है। यह पर्सनल च्वाइस है। मैंने जब प्रीपरेशन स्टार्ट किया उस समय कोविड था, तब मेरे पास समय था। मैंने ऑन लाइन कोचिंग इसलिए ज्वाइन किया कि मैं अच्छी तरह से तैयारी कर सकूं। एक सपोर्ट बना रहे।

सवाल- तो कोचिंग करने का फायदा होता है ?

जवाब- हां, मुझे तो फायदा हुआ इससे।

सवाल- किस तरह से पढ़ाई की आपने?

जवाब- जीके और जीएस जरूरी है बिहार के लिए। जो भी मैंने पढ़ा उसे बार-बार रिवाइज किया। मेंस में 150 मार्क्स का जीके होता है उसको लिखना होता है। इसका रिविजन जरूरी है। करेंट अफेयर्स लगातार पढ़ते रहने की जरूरत होती है। न्यूज पेपर्स पढ़ते रहें।

सवाल- लॉ के लिए क्या पढ़ा ?

जवाब- इसके लिए कोचिंग का मटेरियल पढ़ा। जो पेरार्ड्स होते हैं लॉ के उसे बार-बार पढ़ा ताकि वे याद हो जाएं।

सवाल-इसमें भी टेक्स्ट बुक आदि पढ़ने होते हैं क्या?

जवाब- लॉ के बेयर एक्ट, थ्योरी पढ़नी होती है, लीगल डेवलपमेंट पढ़ना होता है।

सवाल- इसमें भी काफी याद रखना होता है। आप कैसे याद रखती थीं ?

जवाब- रिपिटेशन। प्रीलीम्स में तो मल्टीपल च्वाइस प्रश्न होते हैं। मेंस में थ्योरी पर ज्यादा ध्यान रखना होता है। बार-बार पढ़ने और लिखने से ये हो जाता है।

सवाल- बेयर एक्ट किसे कहते हैं?

जवाब- जो लॉ पास होता है पार्लियामेंट से उसे बेयर एक्ट कहते हैं।

सवाल- जो बड़े फैसले कोर्ट से देश भर में हुए हैं जैसे केशवानंद भारती केस आदि का भी विस्तृत अध्ययन करना पड़ता होगा?
जवाब- जी हां। इंटरव्यू में इससे जुड़े सवाल पूछे गए थे। इससे जुड़े नोट्स बनाकर पढ़ने से आसानी होती है। जो लीगल डेवलपमेंट हर दिन होते रहते हैं उस पर ध्यान रखना होता है ताकि अपने आंसर में इसे जोड़ सकें। इंटरव्यू में तो यह काफी जरूरी होता है।

सवाल- आप कितने भाई-बहन हैं?

जवाब- मेरे एक भैया हैं। उनका नाम है प्रत्यय पीयूष। वे एचडीएफसी बैंक में मैनेजर हैं।

सवाल- इस सेवा में जाकर आप सोसाइटी के लिए क्या करना चाहती हैं ?

जवाब- पहले तो मैं ट्रेनिंग पर फोकस करना चाहती हूं। जो लॉ मैंने अब तक पढ़ा है उसे अच्छी तरह से कैसे अप्लाई किया जाए वह सीखना चाहती हूं। जितना मुझसे हो पाए मैं सोसाइटी को कंट्रीब्यूट करना चाहती हूं।

सवाल- लोग मानते हैं कि लोकतंत्र के चारों खंभों में यह काफी मजबूत खंभा है। इसे व्याख्या करने का अधिकार है। लेकिन कई बार जजमेंट पर भी सवाल उठने लगे हैं। इससे जुड़े सवालों का सामना भी आपको करना पड़ा क्या ?
जवाब- मुझसे इंटरव्यू में ऐसा ही एक सवाल पूछा गया था। प्रोसिजर दिया हुआ है उसे कोर्ट फॉलो करता है। कोर्ट संविधान के दायरे में रहकर अपना जजमेंट देता है।

सवाल- इंटरव्यू में कैसे सवाल पूछे गए थे?

जवाब- मुझसे एवीडेंस लॉ से जुड़े सवाल पूछे गए थे। इंटर्नशिप के बारे में भी पूछे गए थे। मुस्लिम लॉ से जुड़े सवाल भी थे।

सवाल- बीपीएससी की परीक्षाओं पर सवाल उठते रहते हैं। आपने कैसा फील किया पूरी परीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हुए?

जवाब- मेरा ज्यादा ध्यान अपनी तैयारी पर रहा। पीटी और फिर उसके बाद की परीक्षाओं पर फोकस रहा।

सवाल- और पहले रिजल्ट आ जाना चाहिए था ?

जवाब- हां ये तो होना चाहिए था। लेकिन बीपीएससी भी बहुत सारी परीक्षाएं लेती हैं। कोविड की वजह से हमारा एग्जाम दो बार पॉस्पांड हुआ। सीट भी ज्यादा थे। इसलिए ज्यादा समय लग गया होगा। मेरा फोकस पढ़ाई पर रहा।

सवाल- आप अपना आदर्श किसे मानती हैं ?

जवाब- अपने पापा को।

सवाल- अगर महापुरुषों की बात करें गांधी, सुभाष आदि हों या फिर कोई जज आपको बहुत प्रभावित करते हों ?

जवाब-जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा से मैं बहुत प्रभावित हूं। वे रांची हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट गई थीं। वे मेरे लिए इंसपेरेशन रहीं।

सवाल- आपने कितने घंटे पढ़ाई की?

जवाब- मैंने घंटे कभी कल्कुलेट नहीं किया। दिन का प्लान करती थी कि आज क्या पढ़ना है।

सवाल- इसके लिए क्या सुबह उठकर आप रुटीन बना लेती थीं ?

जवाब-नहीं, मैं रात में ही प्लान बना लेती थी कि सुबह या दूसरे दिन क्या-क्या पढ़ना है। मैं 15 दिनों का रुटीन बना लेती थीं।

सवाल-आपकी हॉबी क्या है?

जवाब- भावना कहती हैं कि उनकी हॉबी गार्डेनिंग और कुकिंग हैं।

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