बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि सभी पिछड़े राज्यों विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। यह उन राज्यों में प्रगति को बढ़ावा देगा और देश भी अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के लोग केवल सत्ता का आनंद लेने में रुचि रखते हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या वो वास्तव में काम भी कर रहे हैं?
बता दें कि एक महीने पहले जदयू ने भाजपा के साथ बिहार में गठबंधन तोड़ा है। नीतीश कुमार राज्य में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले मुख्यमंत्री हैं। वह कहते हैं, जो लोग दिल्ली में शासन कर रहे हैं, वे केवल सत्ता का आनंद लेने में रुचि रखते हैं।
कुमार ने आगे कहा, क्या कोई वास्तविक काम हो रहा है? क्या राज्यों को उनका हक मिल रहा है? मैं यह पहले भी कह चुका हूं और फिर से दोहराता हूं कि न केवल बिहार बल्कि सभी पिछड़े राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा मिलना चाहिए।
उन्होंने पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग में रंगरूटों को नियुक्ति पत्र दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, विशेष दर्जा इन सभी राज्यों में प्रगति को बढ़ावा देगा और बदले में देश अभूतपूर्व गति से विकास करेगा। बता दें कि नीतीश बीते दो दशक से बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते रहे हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसियों को लेकर विपक्षी दलों की नाराजगी को लेकर उन्होंने कहा, लोगों को गलत तरीके से उठाया जाता है, असली काम कहां है? बाद में पत्रकारों ने उनसे सोनिया गांधी के साथ रविवार को हुई मुलाकात और अमित शाह के पूर्णिया रैली को लेकर सवाल किए। शाह ने उनपर विधानसभा चुनावों के जनादेश को धोखा देने का आरोप लगाया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था।
नीतीश कुमार ने पत्रकारों को जवाब दिया कि जब हम वहां रैली करेंगे तो मैं पूर्णियां में लगाए गए सभी आरोपों को जवाब दूंगा।