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बिहार में इसी सप्‍ताह पूरा होगा नगरपालिका आरक्षण का काम, चुनाव के लिए खर्च की सीमा भी निर्धारित

अगले महीने प्रस्तावित नगर निकायों के चुनाव को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग 261 नगर निकायों में आरक्षण का काम को हर हाल में इस सप्ताह में पूरा करने की कवायद में जुटा है। प्रमंडल स्तर पर वार्ड आरक्षण को लेकर दी गई स्वीकृति में कई त्रुटियां रह गई थीं, आयोग इन्हें दूर करने में जुटा है। आरक्षण का कार्य पूरा होते ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

19 नगर निगमों की सूची तैयार करने का था निर्देश  

राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को हर हाल में 31 अगस्त तक वार्डों के आरक्षण की सूची तैयार करने के लिए अंतिम समय सीमा निर्धारित की थी। जानकारी के अनुसार आयोग के निर्देश अनुसार 19 नगर निगम, 83 नगर परिषद के साथ 146 नगर पंचायतों के वार्ड में आरक्षण किया जाना था। नियमों के मुताबिक इस आरक्षण का लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को दिया जाना था। इसके साथ ही उम्मीदवारों में सामान्य से लेकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जानी थी।

राज्‍यस्‍तरीय सूची पर भी हो रहा काम  

आयोग के अनुसार वार्डों के आरक्षण के साथ ही 19 नगर निगम, 83 नगर परिषद और 146 नगर पंचायतों के मुख्य पार्षदों और उप मुख्य पार्षदों के पदों के आरक्षण की राज्य स्तरीय सूची पर भी अब कार्य हो रहा है। इन सभी पदों के लिए आरक्षण के प्रविधान कर इस सप्ताह इसका प्रकाशन संभावित है। बता दें कि यह कार्य प्राथमिकता पर तीव्र गति से हो सके इसके लिए आयोग का दफ्तर इस बार रविवार को भी खुला रखा गया था।

नगर निगम क्षेत्र में अधिकतम 80 हजार खर्च की अनुमति 

राजय निर्वाचन आयोग ने अगले महीने प्रस्तावित नगरपालिका आम चुनाव में प्रत्याशियों की चुनावी खर्च की सीमा निर्धारित कर दी है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। आयोग के अनुसार नगर पंचायत में वार्ड पार्षद अधिकतम 20 हजार रुपये तो नगर निगम क्षेत्र में अधिकतम 80 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। इसी तरह नगर परिषद के वार्ड पार्षद उम्मीदवार 40 हजार रुपये तक अधिकतम खर्च कर सकेंगे। नगर निगम के वार्ड पार्षद पद के लिए आबादी के अनुसार खर्च की सीमा तय की गई है। नगर निगम क्षेत्र में चार से दस हजार आबादी वाले वार्ड में अधिकतम 60 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति होगी, जबकि दस से बीस हजार की आबादी वाले वार्ड में 80 हजार रुपये तक चुनाव में खर्च किए जा सकेंगे।

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