शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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मिलिए 66th BPSC टॉपरों से, इनकी सफलता की कहानी सुनकर बढ़ जाएगा हौसला

बिहार लोकसेवा आयोग की 66वीं संयुक्‍त प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम आ गया है। वैशाली के सुधीर कुमार टापर बने हैं। वैशाली जिले के महुआ निवासी सुधीर कुमार आइआइटी कानपुर से बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए थे। मध्‍यमवर्गीय परिवार से आने वाले सुधीर का कहना है कि सफलता हासिल करनी है तो कठिन मेहनत करना ही होगा। इसका कोई शार्टकट नहीं है।

अमर्त्य कुमार ने बैंक की नौकरी छोड़ की थी तैयारी

अमर्त्य कुमार आदर्श को 66वीं बीपीएससी परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। अरवल के कुर्था निवासी आदर्श को 63वीं संयुक्त परीक्षा में वित्त सेवा मिला था। वह फिलहाल वह पटना में ही पदस्थापित हैं। इसके बाद से वह लगातार तैयारी में लगेे थे। अब अगला लक्ष्य यूपीएससी क्रैक करना है। उन्‍होंने 2008 में भारतीय वायु सेना में योगदान दिया। इसके बाद नालंदा खुला विश्वविद्यालय से स्नातक किया। इसके बाद बैकिंग सेवा में 2017 में चले गए। ले‍किन लक्ष्‍य कुछ और था। लिहाजा 2017 में बैंक की नौकरी छोड़ दी और सिव‍िल सेवा की तैयारी के लिए दिल्‍ली चले गए। वर्ष 2019 में 63वीं बीपीएससी में चयन हुआ। इसके बाद भी वे तैयारी में लगे रहे। आखिरकार मुकाम हासिल कर लिया। पिता उमेश ठाकुर निजी स्कूल में शिक्षक थे, माता सीता देवी गृहणी हैं। भाई यशवंत राकेश व अमरेंद्र कुमार आशुतोष का बहुत सहयोग मिला।

पहले प्रयास में ही मोनिका को मिली सफलता

औरंगाबाद की रहने वाली मोनिका श्रीवास्तव अपने पहले प्रयास में ही बीपीएससी क्रैक कर सहायक राज्य कर आयुक्त बनी हैं। वर्ष 2016 में आइआइटी गुवाहाटी से कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग (Computer Science from IIT Guwahati) से पढ़ाई करने के बाद फिलहाल चेन्नई में साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। मोनिका ने बताया कि वह जाॅब के साथ-साथ हर दिन सेल्फ स्टडी करती थीं। छुट्टी के साथ-साथ शनिवार-रविवार को 10-12 घंटे पढ़ाई करती थी। वह आरंभ से ही बिहार आना चाहती थींं। उनका लक्ष्‍य यूपीएससी है।

कोचिंग में पढ़ाने वाले विनय अब बनेंगे डीएसपी

राजधानी में आइआइटी में नामांकन के लिए तैयारी कराने वाले विनय कुमार रंजन अब गृह विभाग में पुलिस उपाधीक्षक बनेंगे। उन्हें बीपीएससी में पांचवां रैंक मिला है। आइआइटी दिल्ली (IIT Delhi) से एमटेक करने वाले विनय रंजन फिलहाल राजधानी के कंकड़बाग में जेईई-नीट नामांकन के लिए बच्चों को तैयारी कराते हैं। विनय ने बताया कि वह मूल रूप से जमालपुर के नया गांव के रहने वाले हैं। विनय ने बताया कि पत्नी भी तैयारी कर रही थी। इसके बाद वह भी इसी तैयारी में जुट गए। पिता जीतन यादव बैंक से सेवानिवृत होकर अब सामाजिक कार्यों में है।

हार्डवेयर दुकानदार का बेटा सिद्धांत बना सहायक कर आयुक्त

राजधानी के कंकड़बाग निवासी हार्डवेयर दुकानदार श्यामनंदन सिंह के पुत्र सिद्धांत कुमार ने बीपीएससी में सातवां रैंक लाकर सफलता का परचम लहराया है। फिलहाल भोपाल से एमबीए की पढ़ाई पूरी की है। इससे पहले उन्‍होंने 2017 में कोच्ची विश्वविद्यालय से बीटेक इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। सिद्धांत ने बताया कि वह यूपीएससी की तैयारी में जुटे हैं। पहले भी यूपीएससी के साक्षात्कार तक पहुंच चुके हैं। सफलता का श्रेय पिता श्याम नंदन सिंह, मां रंजू सिंह व शिक्षकों को दिया है।

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