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बिहार सरकार का सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर ऐक्शन, जारी की नई गाइडलाइन

बिहार में सरकारी कार्यालयों में मुख्य सचिव ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके चलते सरकारी ऑफिस में प्लास्टिक की बोतल और प्लास्टिक से बने फोल्डर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

बिहार में सरकारी कार्यालयों में मुख्य सचिव ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके चलते सरकारी ऑफिस में प्लास्टिक की बोतल और प्लास्टिक से बने फोल्डर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही विमोचन कार्यक्रम में किताब या रिपोर्ट को प्लास्टिक से बांधने की परंपरा को भी खत्म करने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. बैठक में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगे इस लिए कागज, कपड़ा, पत्तल से बनी वैकल्पिक सामग्रियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का निर्णय भी बैठक में लिया गया है.

आपको बता दें कि पूरे देश में ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाम लगाने को लेकर लगातार केंद्र सरकार मुहिम चला रही है. वो इसलिए क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक सेहत के लिए हानिकारक होता है, और इसके साथ ही ये पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है.

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब होता है वो प्लास्टिक जिसे एक ही बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है. जैसे प्लास्टिक की थैलियां, प्याले, प्लेट, छोटी बोतलें, स्ट्रॉ, इसके कुछ उदाहरण हैं. इस तरह की प्लास्टिक पेट्रोलियम आधारित उत्पाद होते हैं. इनके उत्पादन पर खर्च बहुत कम आता है. यही वजह है कि रोजाना के बिजनेस और कारोबारी इकाइयों में इसका इस्तेमाल खूब होता है. उत्पादन पर इसके भले ही कम खर्च हो लेकिन फेंके गए प्लास्टिक के कचरे, उसकी सफाई और उसको दोबारा से उपयोग में लाने के लिए उसमें काफी खर्च होता है.

कितना खतरनाक है सिंगल यूज प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक के अंदर का कैमिकल जलाशयों में जाकर पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाता है. एक रिपोर्ट की माने तो दुनिया भर में हर मिनट लोग करीब 10 लाख प्लास्टिक की बोतल खरीदते हैं, जितना प्लास्टिक इस्तेमाल होती है, उनका 91% करीब रिसाइकल भी नहीं हो पाता है. एक अनुमान के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में करीब 40 हजार करोड़ प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल होता है. उनमें से सिर्फ 1 फीसदी थैलियों की रिसाइक्लिंग होती है. इसी के साथ ही हर दिन दुनिया भर में करीब 5 लाख स्ट्रॉ का इस्तेमाल होता है. रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब 11 लाख समुद्री पक्षियों और जानवरों की प्लास्टिक की वजह से मौत होती है.

ये हम सभी मानते हैं कि प्लास्टिक के इस्तेमाल को हमारे दैनिक जीवन से समाप्त नहीं किया जा सकता पर इसका विकल्प हम तलाश सकते हैं जैसे कि प्लास्टिक की स्ट्रॉ की जगह पेपर की स्ट्रॉ का इस्तेमाल हम कर सकते हैं. उसी तरह प्लास्टिक के कप की जगह पेपर के कप का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसीलिए लगातार सरकार भी सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने को लेकर लगातार प्रयासरत है. और बिहार सरकार ने सरकारी कार्यालयों में जो सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर जो आदेश जारी किया है वो एक अच्छा कदम है. बिहार की तरह ही बाकी राज्यों को भी इसी तरह सरकारी कार्यालय में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, और सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प को तलाशना चाहिए.

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