बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान सोमवार को तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब में मत्था टेक गुरुघर का आशीष लिया। इस दौरान तख्त श्री मंदिर जी पटना साहिब धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन सरदार लखविदर सिंह ने सिखों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सिखों को राज्य में अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग की गई। शिष्टमंडल ने बताया कि मंत्री ने आश्वस्त किया कि जल्द ही बिहार में सिखों को अल्पसंख्यक का दर्जा जल्द दिलाने की भरपूर कोशिश करेंगे।
अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिलने से सिख समाज के बच्चों को शिक्षा का लाभ व रोजगार नहीं मिल पा रहा है। अल्पसंख्यक वर्ग के लिए सरकार की ओर से मिलने वाला कर्ज भी नहीं मिल रहा है। बिहार के विभिन्न जिलों से आए सिखों के शिष्टमंडल ने मंत्री के समक्ष समस्याएं रखी। बैठक में प्रबंधक समिति के महासचिव इंद्रजीत सिंह, कनीय उपाध्यक्ष लखविदर सिंह, सचिव हरबंस सिंह, कटिहार के लक्ष्मीपुर निवासी वीरेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, कमल सिंह, त्रिलोक सिंह, हरजीत सिंह, धनेश्वर सिंह, अररिया के बेचन सिंह, मुजफ्फरपुर के पंजाब सिंह, गुरविदर सिंह, वैशाली के त्रिलोचन सिंह, अमनदीप सिंह पहुंचे। – पीजी की तीन सीटों पर जारी है नामांकन, टीचर व संसाधन की कमी नहीं जागरण संवाददाता, पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कालेज के बायोकेमिस्ट्री विभाग में स्नातकोत्तर की पांच सीटों का बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। इसकी स्वीकृति प्रदान करने से पहले राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की टीम ने सोमवार को कालेज, अस्पताल एवं सेंटर आफ एक्सीलेंस का औचक निरीक्षण कर वहां की शैक्षणिक व्यवस्था को देखा। प्राचार्य डा. हीरा लाल महतो और विभागाध्यक्ष डा. संतोष कुमार की मौजूदगी में एनएमसी के सदस्य हैदराबाद मेडिकल कालेज में बायोकेमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डा. प्रो. श्याम प्रसाद वीआर ने शिक्षकों एवं विभाग के जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज को देखा। सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थित लैब में क्लीनिकल पैथोलाजी के लगे बोर्ड को भी ध्यान से देखा। विभागाध्यक्ष ने बताया कि एनएमसी की गाइडलाइन अनुसार बायोकेमिस्ट्री विभाग के अधीन सेंट्रल पैथोलाजी व्यवस्था संचालित होती है। इस संबंध में टीम के सदस्य को जरूरी कागजात के साथ जानकारी दी गयी है। प्राचार्य ने बताया कि विभाग में पीजी की तीन सीटें हैं। पांच और सीटों की बढ़ोतरी के लिए एनएमसी की टीम ने निरीक्षण किया है। विभाग में दो प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर, चार असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पांच एसआर कार्यरत हैं। लैब समेत अन्य आवश्यक संसाधन विभाग में उपलब्ध होने के कारण पीजी की सीटें बढ़ कर आठ होनी लगभग तय है।