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बिहार पुलिस जल्‍द अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटाबेस बनाएगी

बिहार पुलिस अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटाबेस (Database of Finger Print) बनाएगी। इसके लिए राज्य के सभी जिलों में वर्क स्टेशन (Work Station) बनाया जाएगा। वर्क स्टेशन के लिए विभिन्न जिलों के 27 सब-इंस्पेक्टर को प्रशिक्षित किया गया है। पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) के अनुसार, नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन  सिस्टम (एनएएफआइएस) परियोजना के तहत रेल समेत सभी 44 जिलों में यह काम होना है। इसमें अपराधियों की उंगलियों के साथ हथेलियों का निशान लिया जाएगा। इसके लिए वर्क स्टेशन पर स्कैनर लगाए जाएंगे। फिलहाल छह वर्क स्टेशन का काम पूरा कर लिया गया है, जल्द ही अन्य 38 जगहों पर वर्क स्टेशन का काम पूरा होगा। इसके बाद अगले चरण में थाना स्तर पर फिंगर प्रिंट लेने की व्यवस्था की जाएगी।

ऐसे काम करेगा वर्क स्टेशन 

सबसे पहले वर्क स्टेशन पर अपराधियों की उंगलियां व हथेली स्कैन की जाएगी। यह वर्क स्टेशन सीसीटीएनएस नेटवर्क से जुड़ा होगा जिससे यह राज्य के फिंगर प्रिंट ब्यूरो के डाटा बेस में चला जाएगा। साथ ही नेशनल डाटा बैंक में भी फिड हो जाएगा। इसके बाद आपराधिक घटना में अगर कहीं फिंगर प्रिंट के निशान मिलते हैं, तो इसे डाटा बेस में मौजूद फिंगर प्रिंट से मिलान कराया जाएगा।

हर थाने के दो अफसरों को फोटो-वीडियो ट्रेनिंग

इसके अलावा पुलिस अफसरों को फोटो व वीडियोग्राफी के साथ गवाहों की रिकार्डिंग के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। पुलिस के फोटो ब्यूरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक हर थाना के दो अफसरों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। अबतक 729 अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारियों को इसका प्रशिक्षण दिया गया है। गंभीर कांडों के अनुसंधान में मदद के लिए नौ रेंज में क्षेत्रीय फोटो इकाई की स्थापना की जा रही है।

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