बिहार के सुपौल में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. सदर थाना क्षेत्र के छपकाही गांव में कुछ दिनों पहले अचानक कौओं और मुर्गियों की मौत होने लगी थी. इसके बाद जब पशुपालन विभाग ने मामले की जांच की तो गांव से पक्षियों के लिए गए सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टी हुई है.
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग ने गांव में 1 किमी क्षेत्र के अंदर मुर्गे-मुर्गियों को मारने का काम शुरू कर दिया है ताकि बर्ड फ्लू का वायरस अन्य इलाकों में ना फैले. छपकाही गांव के 9 किमी क्षेत्र के दायरे में जांच भी शुरू कर दी गयी है.
दरअसल 2 सप्ताह पहले छपकाही गांव के वार्ड नंबर 1 से लेकर 11 तक में मुर्गे-मुर्गियों, बत्तख और कौओं की अचानक मौत होने लगी थी जिसके बाद पशुपालन विभाग की टीम ने गांव जाकर जांच की. पटना से टीम बुलाकर संक्रमित पक्षियों का सैंपल लिया गया तो जांच में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया.
पशु पालन विभाग के निदेशक के आदेश पर सुपौल के डीएम कौशल कुमार और एसपी डी अमर्केश ने संयुक्त निर्देश जारी कर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर दिया है. इस टीम को संक्रमित पक्षियों को मारने का काम दिया गया है.
वहीं बर्ड फ्लू के वायरस को फैलने से रोकने के लिए इलाके के 1 से 9 किमी तक के दायरे में सभी गांवों को चिन्हित कर जांच करने के लिए टीम बना दी गयी है. इसका मकसद समय रहते बर्ड फ्लू के वायरस को सीमित दायरे में रोकना है.
छपकाही गांव को केंन्द्र मानते हुए 1 किमी के दायरे में सभी गांवों के मुर्गे-मुर्गियों को मारने के लिए पशुपालन विभाग ने 4 टीम का गठन किया है. वहीं मौके पर पहुंचे जिला पशुपालन पदाधिकारी राम शंकर झा ने बताया सभी पक्षी पालने वाले लोगों को मुआवजा भी दिया जायेगा.
क्या होता है बर्ड फ्लू
यह बीमारी इन्फ्लूएंजा टाइप-ए H5N1 वायरस की वजह से फैलती है. WHO की एक रिपोर्ट की मानें तो H5N1 के कारण संक्रमित लोगों में मृत्यु दर लगभग 60 प्रतिशत है. यानी इस बीमारी का मॉर्टालिटी रेट कोरोना वायरस से भी ज्यादा है. H5N1 वायरस के खतरे से बचने के लिए हमें पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए.
बर्ड फ्लू की लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षण आमतौर पर होने वाले फ्लू के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं. H5N1 इंफेक्शन की चपेट में आने पर आपको खांसी, डायरिया, रेस्पिरेटरी में परेशानी, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी, नाक बहना या गले में खराश की समस्या हो सकती है.
कैसे फैलता है बर्ड फ्लू
डोमेस्टिक पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के संक्रमित होने के बाद इंसान के बीच इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से भी ये बीमारी इंसानों में फैल सकती है. दुकान से चिकन खरीदने के बाद उसे धोते वक्त हाथों पर ग्लव्स और मुंह पर मास्क जरूर पहनें.
कच्चा मांस या अंडा भी किसी इंसान को संक्रमित कर सकता है. आप किसी दूषित सरफेस के माध्यम से भी वायरस की चपेट में आ सकते हैं. इसलिए पोल्ट्री फार्म या दुकानों पर किसी चीज या सरफेस को छूने से बचें. किसी भी चीज को छूने के बाद हाथों को तुरंत सैनिटाइज करें.