शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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कैग रिपोर्ट : पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’ के अमल में बिहार सरकार सुस्त, बेकार पड़े हैं करोड़ों रुपये

यह खुलासा नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में हुआ है, बिहार सरकार ने नमामि गंगे के तहत मिले करोड़ों रुपये का उपयोग नहीं किया है। सीवरेज ढांचे को मजबूत करने के लिए यह पैसा आवंटित किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’ के अमल में बिहार सरकार का सुस्त रवैया सामने आया है। गंगा नदी की सफाई के लिए शुरू की गई इस परियोजना के तहत पटना के  सीवरेज ढांचे के विकास में सुधार का काम बेहद धीमा चल रहा है। करोड़ों रुपये बैंक में बेकार पड़े हैं।

यह खुलासा नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में हुआ है। बिहार सरकार ने नमामि गंगे के तहत मिले करोड़ों रुपये का उपयोग नहीं किया है। सीवेज ढांचे को मजबूत करने के लिए यह पैसा आवंटित किया गया था।कैग की रिपोर्ट हाल ही में बिहार विधानसभा में रखी गई है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बिहार को चार साल में 684 करोड़ रुपये का इस्तेमाल करना था, लेकिन बिहार स्टेट गंगा रिवर कंजरवेशन एंड प्रोग्राम मैनेजमेंट सोसायटी (बीजीसीएमएस) ने इनका इस्तेमाल नहीं किया।

683 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं हुआ
रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 से 2019-20 के दौरान सिर्फ 16 से 50 फीसदी राशि का ही उपयोग किया गया, लेकिन नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) ने पिछले फंड का इस्तेमाल सुनिश्चित किए बिना अगली किस्त जारी कर दी। इससे  बीजीसीएमएस के बचत खाते में 683.10 करोड़ रुपये की राशि बेकार पड़ी रही।

200 साल पुराना है पटना का सीवरेज सिस्टम
पटना का सीवरेज सिस्टम 200 साल पुराना है और बुरी स्थिति में है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में सीवरेज ढांचे  की कमी के कारण 2016-17 में मेक्सिमम टोटल कोलीफॉर्म (TC) और फीकल कोलीफॉर्म (FC) का स्तर 9000 mpn/100 एमएल और 3100 mpn/100 एमएल से बढ़कर 2019-20 में 160,000 MPN/100 एमएल (TC और FC) हो गया। इससे पता चलता है कि पानी की गुणवत्ता कितनी खराब है। बिहार शहरी बुनियादी ढांचा विकास निगम (बीयूआईडीसीओ) समय पर काम पूरा करने में विफल रहा।

रिपोर्ट को गंभीरता से लें : पांडे
उधर, कैग की रिपोर्ट पर गंगा समग्र के दक्षिण बिहार संयोजक शंभुनाथ पांडे ने कहा है कि गंगा और इसकी सहायक नदियां भारतीय सभ्यता के भौतिक और आध्यात्मिक निर्वाह की स्रोत रही हैं। उनकी बेहतरी चिंता का विषय है। कैग की रिपोर्ट को गंभीरता से लेना चाहिए। वहीं, बीयूआईडीसीओ के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि कैग की रिपोर्ट मुझे नहीं मिली है, सभी एसटीपी के निर्माण और मजबूतीकरण का काम जल्द पूरा होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’ के अमल में बिहार सरकार का सुस्त रवैया सामने आया है। गंगा नदी की सफाई के लिए शुरू की गई इस परियोजना के तहत पटना के  सीवरेज ढांचे के विकास में सुधार का काम बेहद धीमा चल रहा है। करोड़ों रुपये बैंक में बेकार पड़े हैं।

यह खुलासा नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में हुआ है। बिहार सरकार ने नमामि गंगे के तहत मिले करोड़ों रुपये का उपयोग नहीं किया है। सीवेज ढांचे को मजबूत करने के लिए यह पैसा आवंटित किया गया था।कैग की रिपोर्ट हाल ही में बिहार विधानसभा में रखी गई है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बिहार को चार साल में 684 करोड़ रुपये का इस्तेमाल करना था, लेकिन बिहार स्टेट गंगा रिवर कंजरवेशन एंड प्रोग्राम मैनेजमेंट सोसायटी (बीजीसीएमएस) ने इनका इस्तेमाल नहीं किया।

683 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं हुआ

रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 से 2019-20 के दौरान सिर्फ 16 से 50 फीसदी राशि का ही उपयोग किया गया, लेकिन नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) ने पिछले फंड का इस्तेमाल सुनिश्चित किए बिना अगली किस्त जारी कर दी। इससे  बीजीसीएमएस के बचत खाते में 683.10 करोड़ रुपये की राशि बेकार पड़ी रही।

200 साल पुराना है पटना का सीवरेज सिस्टम

पटना का सीवरेज सिस्टम 200 साल पुराना है और बुरी स्थिति में है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में सीवरेज ढांचे  की कमी के कारण 2016-17 में मेक्सिमम टोटल कोलीफॉर्म (TC) और फीकल कोलीफॉर्म (FC) का स्तर 9000 mpn/100 एमएल और 3100 mpn/100 एमएल से बढ़कर 2019-20 में 160,000 MPN/100 एमएल (TC और FC) हो गया। इससे पता चलता है कि पानी की गुणवत्ता कितनी खराब है। बिहार शहरी बुनियादी ढांचा विकास निगम (बीयूआईडीसीओ) समय पर काम पूरा करने में विफल रहा।

रिपोर्ट को गंभीरता से लें : पांडे

उधर, कैग की रिपोर्ट पर गंगा समग्र के दक्षिण बिहार संयोजक शंभुनाथ पांडे ने कहा है कि गंगा और इसकी सहायक नदियां भारतीय सभ्यता के भौतिक और आध्यात्मिक निर्वाह की स्रोत रही हैं। उनकी बेहतरी चिंता का विषय है। कैग की रिपोर्ट को गंभीरता से लेना चाहिए। वहीं, बीयूआईडीसीओ के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि कैग की रिपोर्ट मुझे नहीं मिली है, सभी एसटीपी के निर्माण और मजबूतीकरण का काम जल्द पूरा होगा।

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