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बिहार विधानपरिषद ने पूरे किए 200 सत्र

बिहार की संसदीय शासन प्रणाली के लिए 31 मार्च का दिन ऐतिहासिक रहा. इस दिन बिहार विधानमंडल के उच्‍च सदन यानी विधानपरिषद ने 200वां सत्र पूरा किया. ऐतिहासिक सत्र में कुल 11 विधेयक पारित किए गए. इस सत्र में कुल 1030 प्रश्‍न पूछने की अनुमति मांगी गई थी, जिनमें से 922 सवालों को स्‍वीकृत किया गया. इस मौके पर बिहार विधानपरिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि 200वें सत्र का संचालन और उसका हिस्‍सा बनना सौभाग्‍य की बात है. उन्‍होंने कहा कि ऐसा मौका किसी-किसी को ही मिल पाता है. विधानपरिषद के सदस्‍यों ने भी इस मौके को ऐतिहासिक करार दिया.

बजट सत्र के आखिरी दिन बिहार विधानपरिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की. विधानपरिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन के 200वें सत्र को ऐतिहासिक और कई मायनों में महत्वपूर्ण बताया. सभापति ने कहा कि 200वें सत्र में कुल मिलाकर 22 बैठकें आयोजित हुईं, जिनमें 11 विधेयक पारित किए गए. बिहार विनियोग विधेयक, बिहार कराधान विधि विधेयक, बिहार शहरी योजना तथा विकास विधेयक, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग विधेयक, बिहार कृषि विश्वविद्यालय विधेयक, बिहार ईख विधेयक, बिहार पुलिस विधेयक, बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन विधेयक, बिहार नगरपालिका विधेयक और बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधायक 2022 को सदन ने पारित किया.

922 सवाल स्‍वीकृत

सभापति ने बताया कि 200वें सत्र में कुल 1030 प्रश्‍न पूछे जाने की सूचना मिली थी, जिनमें 922 सवालों को स्वीकृत किया गया. इनमें कुल 434 पश्नों के जवाब दिए गए. सभापति ने बताया कि ध्यानाकर्षण की कुल 158 सूचनाएं प्राप्त हुई थीं, जिनमें 106 ध्यानाकर्षण सूचना सदन के कार्यक्रम पर लाने के लिए स्वीकृत की गई. शून्य काल की चर्चा करते हुए अवधेश नारायण सिंह ने बताया कि इसमें 151 सूचनाएं प्राप्त हुई थीं, जिनमें 128 सूचनाओं के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया.

सदस्‍यों को मिलेगा टैब

कार्यकारी सभापति ने इस मौके पर बिहार विधानपरिषद के सभी सदस्यों को खास तोहफा देने की भी घोषणा की. उनहोंने कहा कि सभी सदस्‍यों को टैब देने का फैसला किया गया है. जिन सदस्यों का कार्यकाल 6 महीने से अधिक का बाकी है, उन सभी को टैब दिया जाएगा. बजट सत्र को लेकर बिहार विधानपरिषद के सदस्यों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए. कांग्रेसी एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि इस ऐतिहासिक सत्र में भाग लेने का अवसर मिला जिससे मैं अभिभूत हूं. राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि विपक्ष ने जनहित से जुड़े कई मुद्दों को उठाया, जिसका जवाब सरकार को देना पड़ा. सत्तापक्ष जदयू के संजीव कुमार सिंह ने कहा कि सत्र में सदस्यों के सवाल और इस पर मंत्रियों के जवाब जनसरोकार से जुड़े थे.

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