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बिहार के पूर्वी चंपारण और गया जिले को राष्ट्रपति से मिला राष्ट्रीय सम्मान

केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे जल-जीवन-हरियाली के अंतर्गत बिहार के दो जिलों- पूर्वी चंपारण और गया को जल शक्ति अभियान (Jal Shakti Abhiyan) ‘कैच द रेन’ के तहत राष्ट्रीय सम्मान मिला है. इन दोनों जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों यह सम्मान मिला है. बिहार को सम्मान मिलने पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान सभी जिलों में चल रहा है. केंद्र के द्वारा भी जल शक्ति अभियान ‘कैच द रेन’ चलाया जा रहा है. बिहार में यह पहले से चल रहा है. राज्य के दो जिले पूर्वी चंपारण और गया के डीएम को पुरस्कार दिया है.

राष्ट्रपति से पुरस्कार मिलने के बाद पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि वाटर कंजर्वेशन एरिया में वाटर मैनेजमेंट के लिए पुरस्कार मिला है. पूर्वी चंपारण जिले में इस पर कई काम किए गए हैं. बिहार सरकार के कई विभागों से मदद मिली है. वहीं, गया के डीएम त्यागराजन एस. एन ने कहा कि जिले के टेकारी पंचायत में पीने का शुद्ध पानी पहुंचाया गया है. चेक डैम बनाया गया. लोगों की निजी जमीन पर तालाब की खुदाई की गई है. इसका परिणाम यह हुआ कि एक किलोमीटर के रेडियस में भू-जल स्तर बढ़ गया है. इससे सिंचाई और मत्स्य पालन में मदद मिली है.

मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि प्रदेश के सार्वजनिक तालाब, कुआं, सार्वजनिक जल स्रोत को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अप्रैल महीने से सरकार अभियान चलाएगी. भू-माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. कोरोना संक्रमण के कारण बीते दो वर्षों से सरकार का अभियान बंद था. पेयजल संकट को लेकर उन्होंने कहा कि फिलहाल बिहार में पेयजल संकट की स्थिति नहीं है. आने वाले समय में यदि संकट पैदा हुई तो सरकार इसके लिए तैयार है. चापाकल (हैंडपंप) और बोरिंग की गहराई बढ़ाई जाएगी. लोगों तक टैंकर से भी पानी पहुंचाया जाएगा. बिहार में ग्राउंड वाटर लेवल पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष बढ़ा है.

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