BPSC, संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के अंतर्गत बहुत से पदों पर बहाली करती है। उसमें से एक पद है डीएसपी। DSP बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी होते हैं। मुख्यतः जो उम्मीदवार मेरिट में अच्छे अंक प्राप्त करते हैं उन्हें ही DSP का पद मिल पाता है।
इस लेख में हम देखेंगे कि DSP का पद आकर्षण का केंद्र क्यों है, DSP का वेतनमान कितना है, उसे कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती है और एक DSP को पदोन्नति के कौन-कौन से अवसर मिलते हैं।
DSP का पद आकर्षण का केंद्र क्यों है?
DSP का पद एक बेहतरीन पद है क्योंकि इसके द्वारा आम लोगों के लिए कार्य करने का मौका मिलता है। आम लोगों की सुरक्षा और उन्हें न्याय दिलाने का मौका मिलता है।
पुलिस विभाग में नौकरी बहुत चुनौतीपूर्ण है और अधिकारी को अपने अधिकार क्षेत्र में पुलिस विभाग से संबंधित सभी चीजों का प्रबंधन करना पड़ता है। पुलिस अधिकारियों को समाज में उचित सम्मान मिलता है और वे प्रतिष्ठित जीवन का आनंद लेते हैं।
DSP का पद जिम्मेदारी के साथ-साथ कई चुनौतियों से भरा होता है। इस पद में कोई निश्चित कार्य समय नहीं होता है क्योंकि पुलिस अधिकारी को हर समय ड्यूटी के लिए तैयार रहना पड़ता है। पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था के रखरखाव के लिए ज़िम्मेदार होता है। वह कानून और व्यवस्था के मामलों में पुलिस के कार्यों का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति होता है। उन्हें यह देखना होता है कि उनके क्षेत्र में कोई आपराधिक गतिविधियां नहीं हों और नागरिक शांति और सद्भाव से रह सकें।
UPSC परीक्षा पास कर आईपीएस बनने के बाद उन्हें भारत के किसी भी कोने में तैनात किया जा सकता है लेकिन DSP बनने के बाद बिहार में ही तैनात किया जाता है और यह उन लोगों के लिए अच्छा है जो अपने घर, अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ रहना चाहते हैं।
DSP की तनख्वाह और अन्य सुविधाएं
बिहार पुलिस पदाधिकारियों को आकर्षक वेतनमान मिलता है और इसके साथ ही बहुत से सुख सुविधाओं की भी प्राप्ति होती है। एक बिहार पुलिस सेवा के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के साथ वेतन मिलता है।
DSP वेतन के साथ अन्य लाभ भी प्राप्त करता है। इनमें निम्नलिखित लाभ शामिल हैं:
- एक आधिकारिक वाहन
- स्वयं और कर्मचारियों के लिए निवास
- सुरक्षा गार्ड, रसोइया और माली
- टेलीफोन कनेक्शन, जिसका बिल सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है
- बिजली बिल का भुगतान सरकार द्वारा
- राज्य भर में आधिकारिक यात्राओं के दौरान उच्च श्रेणी आवास की सुविधा
- उच्च अध्ययन के लिए अवकाश की सुविधा
- पेंशन
DSP की पदोन्नति
राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार, आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में विभागीय संवर्धन समिति के माध्यम से BPSC द्वारा भर्ती अधिकारियों को पदोन्नति दी जाती है।
बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों को पदोन्नति के भी व्यापक मौके मिलते हैं। अगर कोई आईपीएस बनना चाहता है, उसकी तैयारी करता है लेकिन किसी कारणवश हुआ आईपीएस नहीं बन सका और वह बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी बन गए हो तब उनकी आईपीएस बनने का सपना साकार हो सकता है क्योंकि बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों को 10-12 साल के सेवा के बाद आईपीएस में पदोन्नति दी जाती है।
DSP को पहली पदोन्नति 7 या 8 साल की सेवा के बाद दी जाती है। इस पदोन्नति के बाद DSP अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) बन जाते हैं। 12 या 13 साल की सेवा पूरी करने के बाद, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) को पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर पदोन्नत किया जाता है। संतोषजनक सेवा रिकॉर्ड के अनुसार BPSC द्वारा UPSC को एक सूची भेजी जाती है, उसके बाद वे IPS बन सकते हैं।
हालांकि, UPSC की तुलना में BPSC में पदोन्नति धीमी है, फिर भी BPSC अपने अधिकारियों को पदोन्नति देती है। बिहार पुलिस सेवा के वरिष्ठता का पदानुक्रम निम्नलिखित है:
पुलिस उपाधीक्षक (DSP) → अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) → पुलिस अधीक्षक (SP) → वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) → पुलिस महानिरीक्षक (DIGP) → पुलिस महानिरीक्षक (IGP) → अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) → पुलिस महानिदेशक (DGP)
इसीलिए अगर आप बिहार पुलिस सेवा में जाना चाहते हैं तो जी जान से इसके तैयारी में आज से ही लग जाइए। सब कुछ न्योछावर कर इसकी तैयारी करें क्योंकि यह एक गौरवशाली पद है।