पूरे बिहार राज्य में वर्षा एक सामान वितरित नहीं होती है। यहां 100 सेंटीमीटर से 200 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है।
सबसे अधिक वर्षा राज्य के उत्तरी पूर्वी भाग जैसे किशनगंज तथा उत्तरी पश्चिमी भाग जैसे कि पश्चिमी चंपारण में होती है। तीन भागों में 200 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है। बिहार के उत्तर पश्चिम उप आद्र प्रदेश में हिमालय के तराई क्षेत्र खासकर चंपारण तथा सारण के कुछ भाग आते हैं। उच्चावच तथा घने जंगल के कारण सामान्य से अधिक वर्षा यहां होती है। वर्षा की मात्रा 140 सेंटीमीटर से 200 सेंटीमीटर तक यहां होती है। जाड़े में हिमालय की ढाल से उतरने वाली ठंडी हवाओं के कारण इस प्रदेश में ठंड अधिक पड़ती है।
सबसे कम वर्षा औरंगाबाद और गया में होती है। यहां वर्षा की मात्रा 100 सेंटीमीटर से भी कम होती है। रोहतास, औरंगाबाद, गया, शेखपुरा तथा नवादा इत्यादि का त्रिकोणीय भूखंड कम वर्षा की एक पेटी (क्षेत्र) को प्रदर्शित करता है। यह राज्य के सबसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में से आते हैं। कैमूर, रोहतास तथा गया बिहार के दक्षिणी पश्चिमी निम्न पठारी प्रदेश में आते हैं। यहां 100 से 110 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है। वनस्पति विहीनता के कारण अधिकतम तापमान तथा न्यूनतम वर्षा का यह क्षेत्र प्राय: सूखाग्रस्त रहता है।
Ananya Swaraj
Assistant Professor