बिहार राज्य के मध्यवर्ती भाग में वर्षा 120 से 150 सेंटीमीटर तक होती है। गंगा के दोनों और पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा घटती जाती है। मध्य सितंबर तक सूर्य की किरणें लंब रूप से विश्वत रेखा के निकट पड़ने लगती हैं परिणाम स्वरूप उत्तर पश्चिम का निम्न वायु-भार कमजोर होने लगता है और यह केंद्र स्थल से सागर की तरफ की खिसकने लगता है। इससे मानसूनी पवन कमजोर पढ़कर धीरे-धीरे पीछे हटने लगती है। इसे “मॉनसून का लौटना” कहते हैं।
अक्टूबर के अंत तक या बिहार सहित पूरे प्रदेश को छोड़ जाता है। मानसून की वापसी के साथ-साथ मंद पछुआ पवनें चलने लगती हैं। तापमान में क्रमशः गिरावट शुरू हो जाती है। इस समय औसत तापमान 20 डिग्री से 25 डिग्री तक रहता है। इसके बाद बिहार में शीत ऋतु का आगमन हो जाता है।
Ananya Swaraj
Assistant Professor