बिहार लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम – विधि (वैकल्पिक विषय)
खण्ड- I (Section – I)
भाग- 1 : भारत की संवैधानिक विधि (Section – 1 : Constitutional Law of India)
1. भारतीय-संविधान की प्रकृति। इसके परिसंघीय स्वरूप की विभिन्न विशेषताएँ।
2. मूल अधिकार, निदेशक तत्व तथा मूल अधिकारों के साथ उनका संबंध। मूल कर्तव्य;
3. समता का अधिकार।
4. वाक् स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति स्वातंत्रय का अधिकार।
5. प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार।
6. धार्मिक, सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक अधिकार।
7. राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति तथा मंत्रिपरिषद् के साथ संबंध।
8. राज्यपाल और उसकी शक्तियाँ।
9. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय, उनकी शक्तियाँ तथा अधिकारिता।
10. संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग उनकी शक्तियाँ ऐसे कृत्य।
11. नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत;
12. संघ तथा राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण;
13. प्रत्यायोजित विधान- इसकी संवैधानिकता, न्यायिक तथा विधायी नियंत्रण।
14. संघ तथा राज्यों के बीच प्रशासनिक एवं द्वितीय संबंध।
15. भारत में व्यापार, वाणिज्य और समागम।
16. आपात उपबंध।
17. सिविल कर्मचारियों के लिये सांविधानिक सुरक्षा।
18. संसदीय विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ।
19. संविधान का संशोधन।
भाग- 2 : अंतर्राष्ट्रीय विधि (Section – 2 : International Law)
1. अंतर्राष्ट्रीय विधि की प्रकृति।
2. स्रोत संधि, रूढ़ि, सभ्य राष्ट्रों द्वारा मान्यता प्राप्त विधि के सामान्य सिद्वान्त, विधि निर्धारण के लिये समनुषंगी साधन, अंतर्राष्ट्रीय अंगों के संकल्प तथा विशिष्ट अभिकरणों के विनियमन।
3. अन्तर्राष्ट्रीय विधि तथा राष्ट्रीय विधि के बीच संबंध।
4. राज्य मान्यता और राज्य उत्तराधिकार।
5. राज्यों के राज्य क्षेत्र अर्जन की रीतियाँ, सीमाएँ, अंतर्राष्ट्रीय नदियाँ।
6. समुद्र, अन्तर्देशीय जल मार्ग, राज्य समुद्र, क्षेत्रीय समीपस्थ परिक्षेतु महाद्विपीय उप-तट, अनन्य आर्थिक परिक्षेत्र तथा राष्ट्रीय अधिकारिता से परे समुद्र।
7. आकाशीय क्षेत्र तथा विमान संचालन।
8. बाह्य अंतरिक्ष, बाह्य अंतरिक्ष की खोजी तथा उपयोग।
9. व्यक्ति, राष्ट्रीयत्व, राज्यहीनता, मानवीय अधिकार, उनके प्रवत्र्तन के लिए उपलब्ध प्रतिक्रियायें।
10. राज्यों की अधिकारिता, अधिकारिता का आधार, अधिकारिता से उन्मुक्ति।
11. प्रत्यप्रण तथा शरण।
12. राजनयिक मिशन तथा कांसुलीय पद।
13. संधि, निर्माण, उपयोजन तथा पर्यवसान।
14. राज्य का उत्तरदायित्व।
15. संयुक्त राष्ट्र, इसके प्रमुख अंग, शक्तियां और कृत्य।
16. विवादों का शंातिपूर्ण निपटारा।
17. जल का विधिपूर्ण आश्रय, आक्रमण, आत्मरक्षा, मध्यक्षेप।
18. आणविक अस्त्रों के प्रयोग की वैधता, आणविक अस्त्रों के परीक्षण पर रोक, आणवकि अप्रचुरोद्भवन संधि।
खण्ड- II (Section – II) अपराध और अपकृत्य विधि (Crime and Misdeeds)
I. अपराध विधि-
1. अपराध की सकल्पनाः आपराधिक कार्य, अपराधिक मान, स्थिति, स्टैटयूट्री अपराधों में आपराधिक मनःस्थिति, दण्ड आज्ञापक दण्डादेश, तैयारी और प्रयत्न।
2. भारतीय दंड-संहिता-
(क) संहिता का लागू होना।
(ख) साधारण अपवाद।
(ग) संयुक्त और आन्वयिक दायित्व।
(घ) दुष्प्रेरण।
(ङ) आपराधिक षड्यंत्र।
(च) राज्य के विरूद्ध अपराध।
(छ) लोक प्रशांति के विरूद्ध अपराध।
(ज) लोक सेवकों से संबंधित अथवा उनके द्वारा अपराध।
(झ) मानव शरीर के विरूद्ध अपराध।
(ट) सम्पत्ति के विरूद्ध अपराध।
(ठ) विवाह से संबंधित अपराध, पत्नी के प्रति पति अथवा उसके सम्बन्धियों द्वारा क्रूरता।
(ड) मानहानि।
3. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955
4. दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954
II. अपकृत्य विधि
1. अपकृत्य दायित्व की प्रकृति।
2. त्रुटि पर आधारित दायित्व तथा कठोर दायित्व।
3. स्टैटयूट्री दायित्व।
4. प्रत्यायुक्त दायित्व।
5. संयुक्त अपकृत्य कत्र्ता
6. उपचार।
7. अपेक्षा।
8. अधिष्ठाता का दायित्व और संरचनाओं के बारे में उसका दायित्व।
9. निरोध और पतिर्वतन (डेटिन्यू एण्ड कनवर्जन)
10. मानहानि।
11. न्यूसेंस।
12. षड्यंत्र।
13. मिथ्या कारावास और दुर्भावपूर्ण अभियोजन।
III. संविदा विधि और वाणिज्यिक विधि
1. संविदा निर्माण।
2. सम्पत्ति दूषित करने वाले कारण।
3. शून्य, शून्यकरणीय, अवैध और अप्रवर्तनीय करार।
4. संविधाओं का अनुपालन।
5. संविदात्मक बाध्यताओं की समाप्ति, संविदा का विफलीकरण।
6. संविदा कल्प।
7. संविदा भंग के विरूद्ध उपचार।
8. माल विक्रय और अवक्रय।
9. अभिकरण।
10. भागीदारी का निर्माण और विघटन।
11. परक्राम्य लिखित।
12. बैंकर-ग्राहक संबंध।
13. प्राइवेट कंपनियों पर सरकारी नियंत्रण।
14. एकाधिकार तथा अवरोध व्यापारिक अधिनियम, 1969
15. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986